अर्थव्यवस्था

Cabinet Decision: PM धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी, हर साल खर्च होंगे ₹24,000 करोड़

Cabinet Decision: PM धन-धान्य कृषि योजना वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होकर छह वर्षों तक चलेगी और देश के 100 ज़िलों को कवर करेगी।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- July 16, 2025 | 3:56 PM IST

Cabinet Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana) को मंजूरी दे दी। यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होकर छह वर्षों तक चलेगी और देश के 100 जिलों को कवर करेगी। इस योजना का सालाना खर्च 24,000 करोड़ रुपये है और इससे 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है। इस योजना का मकसद कृषि उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना है। इसके साथ ही पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कटाई के बाद भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई सुविधाओं में सुधार और दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना भी है।

कब से लागू होगी योजना, कितने जिले होंगे कवर

आम बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा की गई थी और इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 में शुरू होगी और इस योजना की अवधि 6 साल रहेगी। यह 100 जिलों को कवर करेगी। इस योजना के तहत कम उत्पादकता, कम फसल सघनता और कम ऋण वितरण के तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर 100 जिलों की पहचान की जाएगी।

प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या शुद्ध फसल क्षेत्र और कार्यशील जोतों के हिस्से पर आधारित होगी। हालांकि, प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया जाएगा। सरकारी बयान में कहा गया है कि इस योजना के परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि , कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में मूल्यवर्धन , स्थानीय आजीविका का सृजन होगा। इस प्रकार घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी तथा आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) प्राप्त होगी।

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क्रियान्वयन और निगरानी के लिए गठित होंगी समितियां

इस योजना का क्रियान्वयन 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य राज्य योजनाओं और निजी क्षेत्र के साथ स्थानीय भागीदारी के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना के प्रभावी नियोजन, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी। जिला धन धान्य समिति द्वारा एक जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके सदस्य प्रगतिशील किसान भी होंगे।

जिला योजनाएं फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता तथा प्राकृतिक एवं जैविक खेती के विस्तार जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी। प्रत्येक धन धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी मासिक आधार पर एक डैशबोर्ड के माध्यम से 117 प्रमुख निष्पादन संकेतकों ( key Performance Indicators ) पर की जाएगी। नीति आयोग भी जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा। इसके अलावा, प्रत्येक जिले के लिए नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियमित आधार पर योजना की समीक्षा करेंगे।

First Published : July 16, 2025 | 3:32 PM IST