Budget 2024: सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) के संगठनों ने एमएसएमई के निर्यात की क्षमता के विकास, प्रमोशन और मार्केटिंग के लिए सरकार से 5,000 रुपये के कोष के गठन की सिफारिश की है।
98,000 सदस्यों वाले एमएसएमई के संगठन इंडिया एसएमई फोरम ने बजट पर सिफारिशों में कहा है, ‘भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक निर्यात में भारत की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि सक्रिय निर्यातकों की संख्या बढ़ाई जाए और कम से कम 3 से 5 लाख पहली बार निर्यात करने वाले सूक्ष्म, मझोले और लघु निर्यातकों को सक्षम बनाया जाए, साथ ही वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देने में उनका समर्थन महत्त्वपूर्ण है।’
फोरम ने एमएसएमई को मार्केट इंटेलिजेंस, कारोबार के मौकों, बी2बी पहुंच और कनेक्शन बढ़ाने के साथ भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में बढ़ावा देने के लिए निर्यात संवर्धन और विकास संगठन बनाने का सुझाव दिया है। यह संगठन यूएस कमर्शियल सर्विस, जापान इंटरनैशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जेईटीआरओ), कोरिया ट्रेड-इन्वेस्टमेंट प्रमोशन एजेंसी और ऑस्ट्रेलियन ट्रेड ऐंड इन्वेस्टमेंट कमीशन की तर्ज पर बनाया जा सकता है।
इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा, ‘चीन, ताइवान, वियतनाम और दक्षिण कोरिया जैसे संभावित बाजारों की खुली प्रदर्शनियों में जाने और बिजनेस टु बिजनेस (बी2बी) प्रदर्शनियों में हिस्सा लेने में पहली बार के एसएमई को समर्थन देने की जरूरत है। इससे हजारों छोटे उद्यमों को अवसर मिलता है।’
पीएचडी चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री ने ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम में शामिल होने वाले सार्वजनिक उद्यमों व बड़ी कंपनियों को कुछ विशेष छूट देने की सिफारिश की है।
पीएचडीसीसीआई ने कहा, ‘उदाहरण के लिए एमएसएमई से 50 प्रतिशत से ज्यादा सालाना खरीद करने वाली बड़ी कंपनियों को बैंकों से अतिरिक्त फंड दिया जा सकता है। साथ ही 250 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों को टीआरईडीएस प्लेटफॉर्मों पर पंजीकरण की सलाह दी जा सकती है, जिससे एमएसएमईके बकाया वसूली में तेज सुधार आ सके।’