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जुलाई में घटा ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस

Last Updated- December 12, 2022 | 1:50 AM IST

जुलाई महीने में ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस कम हुआ है। इससे संकेत मिलता है कि महामारी की दूसरी लहर के बाद अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान स्थानीय स्तर पर तमाम प्रतिबंध लगाए गए थे, जिसके कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं। इस दौरान अप्रैल-जून अवधि में ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस बढ़ गया था।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा संचालित नैशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में 864 लाख ट्रांजैक्शन की पहल की गई, जिसमें से 33.23 प्रतिशत या 287 लाख ट्रांजैक्शन असफल रहे, जबकि 577 लाख ट्रांजैक्शन सफल रहे थे। 

अगर जून से तुलना करें तो बाउंस दर में यह एक उल्लेखनीय सुधार है। जून महीने में कुल 878 लाख ट्रांजैक्शन की पहल की गई थी, जिसमें से 36.5 प्रतिशत से ज्यादा या 320 लाख असफल हुए थे। अप्रैल में 854 लाख ऑटो डेबिट ट्रांजैक्शन की पहल में 563 लाख सफल हुए थे, जबकि 290.8 लाख असफल हुए थे, जो कुल ट्रांजैक्शन का 34.05 प्रतिशत होता है। 
इक्रा के वाइस प्रेसीडेंट अनिल गुप्ता ने कहा, ‘जुलाई महीने में मात्रा व मूल्य दोनों के हिसाब से बाउंस की दर कम हुई है और रिकवरी अच्छी रही है। इस बार लॉकडाउन में उतना प्रतिबंध नहीं लगा था, जितना पहली लहर के दौरान हुआ था। इसकी वजह से आर्थिक असर बहुत कम था। इसलिए गिरावट बाद की वापसी टिकाऊ रहेगी। हम अभी भी कोविड-19 के पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाए हैं, इसकी वजह से कुछ दबाव है।’

एनएसीएच प्लेटफॉर्म के माध्यम से असफल ऑटो डेबिट अनुरोध को सामान्यतया बाउंस दर कहा जाता है। एनपीसीआई द्वारा संचालित थोक भुगतान प्रणाली एनएसीएच में एक से लेकर कई क्रेडिट ट्रांसफर जैसे लाभांश का भुगतान, ब्याज, वेतन, पेंशन आदि शालिम होता है। साथ ही इसके माध्यम से बिजली, गैस, टेलीफोन, कर्ज का सावधि भुगतान, म्युचुअल फंडों में निवेश, बीमा प्रीमियम आदि का भुगतान होता है। महामारी की दूसरी लहर के असर के पहले मार्च में ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस कुल ट्रांजैक्शन के प्रतिशत के रूप में कम था। 
ऑटो डेबिट पेमेंट ट्रांजैक्शन की कुल पहल में सिर्फ 32.7 प्रतिशत असफल रहे थे। दरअसल दिसंबर से ही असफल ऑटो डेबिट आवेदन का प्रतिशत तेजी से घट रहा था और यह  40 प्रतिशत से नीचे था, जिससे मासिक किस्तों (ईएमएआई) के ज्यादा नियमित भुगतान का पता चलता है। मार्च में 32.7 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस अप्रैल से बढऩा शुरू हुआ और मई और जून में भी बढ़ा रहा। लेकिन जुलाई में यह नीचे आया है क्योंकि दूसरी लहर का असर धीरे धीरे कम होने लगा।

First Published - August 17, 2021 | 11:56 PM IST

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