facebookmetapixel
त्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भावNifty Smallcap में गिरावट की चेतावनी! 3 तकनीकी संकेत दे रहे हैं 5% क्रैश का इशाराक्या Hindalco अब उड़ान भरेगा? एक ब्रोकर ने दिया ₹920 का टारगेट, बाकी रहे सतर्कसोना खरीदने का वक्त आ गया! एक्सपर्ट दे रहे हैं निवेश की सलाह, बोले- अब नहीं खरीदा तो पछताएंगेटैरिफ विरोधियों को Trump ने बताया ‘मूर्ख’, बोले- अमेरिका के हर नागरिक को मिलेगा $2,000 का डिविडेंड₹9,975 तक के टारगेट! नतीजों के बाद Bajaj Auto पर 4 ब्रोकरेज हाउसों की राय सामने आईLenskart Share: ₹390 पर कमजोर लिस्टिंग के बाद 2% उछला स्टॉक, बेच दें या होल्ड करें शेयर?राशन कार्ड के लिए सरकारी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं, बस ये ऐप डाउनलोड करेंQ2 results today: ONGC से लेकर Vodafone Idea और Reliance Power तक, आज इन कंपनियों के आएंगे नतीजे

नहीं लगा महंगाई की नाभि पर तीर

Last Updated- December 06, 2022 | 9:02 PM IST

सरकार महंगाई रोकने के लिए अपने सभी अस्त्रों का इस्तेमाल कर चुकी है, लेकिन महंगाई रूपी रावण अब भी काबू से बाहर है।


मानों रावण की ही तरह उसकी नाभि में भी अमृत हो और जब तक कोई तीर उस पर नहीं लगेगा, वह इसी तरह  दिन-ब-दिन और बलवान ही होती चली जाएगी।


19 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में तो महंगाई दर ने पिछले 42 माह के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 7.57 फीसदी पर पहुंच गई। जबकि इससे पहले का उच्चतम स्तर 7.76 फीसदी 2 नवंबर 2004 को दर्ज किया गया था। पिछले सप्ताह महंगाई दर 7.33 फीसदी थी।


इन हालात को देख स्पष्ट कहा जा सकता है कि सरकार की मुहिम रंग लाने में विफल रही है। दुखद यह कि मुद्रास्फीति में यह बढ़ोतरी आम लोगों पर सबसे ज्यादा कहर बरपा रही है। क्योंकि महंगाई दर बढ़ने के पीछे चावल, दूध, चाय, सब्जी और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में तेजी है। इस सप्ताह चाय की कीमतों में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।


चावल और दूध की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से आम आदमी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जबकि सब्जियां 0. 3 फीसदी कम हुईं हैं। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान मांस की कीमतों में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि इस्पात के उत्पाद 51 फीसदी मंहगे हुए हैं। समीक्षाधीन सप्ताह में लाइट डीजल ऑयल में दो फीसदी और फर्नेस ऑयल की कीमत में एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई।


विनिर्मित उत्पादों की श्रेणी में कास्ट आयरन पाइप की कीमत में 51 फीसदी, पिग आयरन में आठ फीसदी और इस्पात शीट में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई।सरकार की ओर से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए गैर-बासमती चावल और दाल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी, वहीं खाद्य तेल और अन्य उत्पादों को सीमा शुल्क में छूट दी गई।


इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने बाजार से तरलता सोखने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में हाल के दिनों में तीन बार बढ़ोतरी की, इसके बावजूद महंगाई थमने का नाम नहीं ले रही है। उधर, क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने कहा कि सरकार और आरबीआई की ओर से उठाए गए कदमों से भविष्य में मुद्रास्फीति की दर 5. 5 फीसदी के नीचे आ सकती है।


हर जतन कर करेंगे इस पर काबू: चिदंबरम


फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री के सदस्यों को संबोधित करने के बाद वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार की ओर से महंगाई रोकने के लिए तमाम उपाय अपनाए जा रहे हैं, जिससे महंगाई पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा और खाद्य वस्तुओं की कीमतें शीघ्र नीचे आ जाएंगी।


उन्होंने कहा कि सरकार 154 लाख टन गेहूं और 230 लाख टन चावल की खरीद पहले ही कर चुकी है, जो लक्ष्य से कहीं ज्यादा है। महंगाई से चिंतित चिदंबरम ने कहा कि ऐसे समय में लोगों को धैर्य रखने और सरकार में विश्वास करने की जरूरत है।


विकास दर गिरेगी


इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक मंदी और घरेलू दवाब के कारण तेजी से उभरती दो एशियाई अर्थव्यवस्थाओं- भारत और चीन के प्रभावित होने की उम्मीद है। इन दोनों देशों की विकास दर में अगले वर्ष भारी गिरावट आने की आशंका व्यक्त की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन में हाल के विस्तार में अचानक ठहराव आ सकता है, क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक मंदी और बढ़ती घरेलू समस्याओं का सामना कर रही हैं।


इस्पात कीमतों पर है सरकारी नजर


इस्पात मंत्रालय के सचिव राघव शरण पांडेय ने कहा कि घरेलू बाजार में इस्पात की कीमतों में 16 से 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद सरकार इस्पात की कीमतों पर कड़ी नजर रखे हुए है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कीमतों पर नियंत्रण के लिए इस्पात उद्योग का सहयोग जरूरी है। हाल ही में किए गए उपायों से घरेलू बाजार में लांग प्रोडक्ट्स की उपलब्ध बढ़ेगी। साथ ही आने वाले दिनों में इस्पात की कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है।


19 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में महंगाई दर 42 महीने के उच्चतम स्तर पर


महंगाई की आग
19 अप्रैल  – 7.52 फीसदी
12 अप्रैल – 7.33 फीसदी


किसने डाला घी
चाय, चावल, मांस, दूध, लोहा, कच्चा तेल

First Published - May 3, 2008 | 1:29 AM IST

संबंधित पोस्ट