अर्थव्यवस्था

Angel Tax का मसौदा 10 दिन में, स्टार्टअप वैल्यूएशन की चिंता होगी खत्म

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श्रेया नंदी
Last Updated- May 02, 2023 | 11:19 PM IST

केंद्र सरकार ऐंजल टैक्स (Angel Tax) के नियमों का प्रारूप शीघ्र जारी करेगी। यह प्रारूप स्टॉर्टअप की मूल्यांकन संबंधी चिंताओं को दूर करेगा। इस साल के केंद्रीय बजट में ऐंजल टैक्स पेश किया गया था। अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय नियमों में संबंधित प्रारूप को सात से 10 दिन में जारी करेगा। कर बचाने के कदम को रोकने के लिए और विदेशी व घरेलू निवेशकों पर एक समान कर लगाने के लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में ऐंजल टैक्स के प्रावधानों का विस्तार किया था। इससे पहले ये उपबंध केवल स्थानीय निवासी निवेशकों पर लागू थे।

नए प्रावधानों के तहत पूंजी जुटाने क्रम के दौरान कंपनी के शेयर की फेयर मार्केट वैल्यू (एफएमवी) के प्रीमियम पर ऐंजल टैक्स लगाया जाएगा। इसके तहत भारत की असूचीबद्ध कंपनियों को विदेशी निवेशकों को शेयरों की बिक्री पर अतिरिक्त प्रीमियम प्राप्त करने पर ‘अन्य स्रोत से आय’ माना जाएगा और उस पर कर लगेगा।

ये संशोधन निजी तौर पर संचालित फर्म के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। उनके मुताबिक वित्त अधिनियम, 2023 में संबंधित प्रावधानों से भारत में विदेशी निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। हाल में अपना कारोबार शुरू करने वाले स्टॉर्टअप पर इनका सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई गई है। इन स्टार्टअप को तुलनात्मक रूप से शेयर के दाम का अधिक डिविएशन और फेयर मार्केट वैल्यू का सामना करना पड़ेगा।

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उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने उद्योग की प्रमुख एसोसिएशनों से गहन विचार – विमर्श किया। इस मामले में विभाग ने इंडियन प्राइवेट इक्विटी ऐंड वैंचर कैपिटल (आईवीसीए), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (फिक्की), नैसकॉम से सलाह मशविरा किया है। उद्योग मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों और राजस्व के विभाग से स्टार्टअप की चिंताओं को लेकर दो दौर की बैठकें की हैं। इस मामले की जानकारी देने वाले अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग ने भी उद्योग से परामर्श किया है और वन टू वन विचार विमर्श किया है।

अधिकारी ने बताया, ‘यह प्रारूप आयकर अधिनियम और फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत मूल्य निर्धारण करने वाली तकनीकों से आ रहे अंतर की चिंताओं का निवारण करेगा। इस विरोधाभासी स्थिति के दूर होने की आशा (सर्वाधिक उम्मीद) है।’ दरअसल अभी फेमा और आयकर अधिनियम के तहत मूल्य निर्धारण के मानदंड अलग अलग हैं। स्टार्टअप ने चिंता जताई थी कि वे कानूनी दांव पेंच में फंस जाएंगे।

First Published : May 2, 2023 | 11:19 PM IST