facebookmetapixel
मोतीलाल ओसवाल ने इस डिफेंस शेयर पर लगाया बड़ा दांव, 32% रिटर्न का अनुमानMRF Q2FY26 results: मुनाफा 12% तक बढ़ा, ₹3 के अंतरिम डिविडेंड का किया ऐलानथोक से खुदरा तक तेजी से गिरी महंगाई दर – आखिर क्या हुआ अक्टूबर में?आंध्र प्रदेश में 10 साल में ₹1 लाख करोड़ का निवेश करेगा अदाणी ग्रुप: करण अदाणीCapillary Technologies IPO: सॉफ्टवेयर कंपनी का आईपीओ खुला, अप्लाई करना ठीक रहेगा या करें अवॉइड ?Tata Steel के Q2 रिजल्ट के बाद ब्रोकरेज एक्टिव; मोतीलाल ओसवाल ने ₹210 का अपसाइड टारगेट दियाInfosys के ₹18,000 करोड़ के ‘बायबैक’ की रिकॉर्ड डेट आज: जानें निवेशक कब कर पाएंगे शेयर टेंडरGold Price Today: सोना ₹1.27 लाख के करीब, चांदी में 500 रुपये की तेजी; जानें ताजा भावIndiGo पर ₹5,700 लगाकर ₹24,300 तक कमाने का मौका! HDFC सिक्योरिटीज ने बताई दमदार बुल स्प्रेड स्ट्रैटेजीमुफ्त योजनाएं भारत के रुपये को बना रहीं कमजोर: क्रिस्टोफर वुड की रिपोर्ट

नवंबर में 2 अरब यूपीआई लेनदेन

Last Updated- December 14, 2022 | 8:39 PM IST

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से लगाार दूसरे महीने नवंबर में लेनदेन 2 अरब से अधिक रहा। यह दर्शाता है कि आम लोगों ने डिजिटल भुगतान को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। यूपीआई नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) का अग्रणी भुगतान प्लेटफॉर्म है। अक्टूबर में जहां लेनदेन 2 अरब से ऊपर चला गया था और कुल 3.86 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था, वहीं नवंबर में यह संख्या 2.21 अरब पर पहुंच गई और 3.91 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
यूपीआई सेवा की शुरुआत 2016 में हुई थी और अक्टूबर 2019 में इसने पहली बार 1 अरब लेनदेन का आंकड़ा पार किया था। एक महीने में 1 अरब लेनदेन तक पहुंचने में इसे जहां तीन साल लग गए वहीं महीने में 2 अरब लेनदेन का आंकड़ा छूने में एक वर्ष से कम का समय लगा।
यूपीआई से लेनदेन में अप्रैल में कमी आने के बाद इसमें तेज उछाल आई है। तब महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन में लोगों ने खर्च में कटौती की थी जिससे लेनदेन 0.99 अरब रहा था। उसके बाद से लेनदेन दोगुने से अधिक हो गया था जबकि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में संकुचन की स्थिति नजर आई थी।         
विशेषज्ञ मानते हैं कि इसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का योगदान है, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान लोगों ने ई-कॉमर्स से खरीदारी की। बहुत से लोगों का कहना है कि लेनदेन अब कार्ड से भुगतान की बजाय यूपीआई और दूसरे डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्मों की ओर बढ़ रहा है। उद्योग के अंदर के लोगों के मुताबिक यूपीआई पी2पी और व्यक्ति से व्यवसायी (परसन टू मर्चेंट) खंडों में बढ़ रहा है।
जून के बाद से यूपीआई हर महीने ऊंचाई के नए रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है। महामारी की वजह से लोग तेजी से इसे अपना रहे हैं। हालांकि, यूपीआई मूलत: छोटी रकम वाले लेनदेनों के लिए है। इसका औसत आकार 200-300 रुपये से अधिक नहीं है। क्रेडिट कार्ड में अभी भी उच्च लेनदेन भुगतान मूल्य है। इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) ने भी लेनदेन और मूल्य दोनों संदर्भ में अपना उच्च स्तर प्राप्त किया है। नवंबर में आईएमपीएस के जरिये लेनदेन 33.911 करोड़ रहा जिसका मूल्य 2.76 लाख करोड़ रुपये रहा। अक्टूबर में आईएमपीएस से 31.9 करोड़ लेनदेन हुए थे जिनका मूल्य 2.74 लाख करोड़ रुपये रहा था।
दूसरी तरफ भारत बिल पेमेंट सिस्टम से नवंबर में 2.393 करोड़ लेनदेन हुए जिसका मूल्य 3,713.21 करोड़ रुपये था। फास्टैग से होने वाला लेनदेन बढ़कर 12.488 करोड़ रहा जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 300 प्रतिशत अधिक है।

First Published - December 1, 2020 | 11:33 PM IST

संबंधित पोस्ट