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Zee Entertainment’s insolvency: पुनीत गोयनका ने खटखटाया NCLAT का दरवाजा

कंपनी के CEO गोयनका के कार्यालय से जारी बयान में कहा कि ज़ी कर्जमुक्त एवं वित्ताय रूप से मजबूत कंपनी

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विवेट सुजन पिंटो
Last Updated- February 23, 2023 | 9:38 PM IST

ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) के खिलाफ ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने की याचिका स्वीकार होने के एक दिन बाद कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी पुनीत गोयनका ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील न्यायाधिकरण (NCLAT) से राहत के लिए गुहार लगाई है।

गुरुवार को गोयनका के कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि वह (गोयनका) ज़ी एंटरटेनमेंट के हिस्सेधारकों के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

बयान में कहा गया कि कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) के साथ प्रस्तावित विलय को जल्द से जल्द पूरा किए जाने का प्रयास हो रहा है। बयान में कहा गया, ‘ज़ी कर्जमुक्त और वित्तीय रूप से मजबूत कंपनी है। कंपनी अपने अंशधारकों के हितों के लिए सदैव काम करती रहती है।‘

बुधवार को एक आदेश में ने इससे पहले इंडसइंड बैंक ने ज़ी को निगमित ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया (CIRP) में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायधिकरण (NCLAT) में याचिका दायर की थी। बुधवार को NCLAT ने यह याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।

इंडसइंड बैंक ज़ी का वित्तीय ऋणदाता है। NCLAT ने संजीव कुमार जालान को कंपनी का अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया था। इंडसइंड बैंक ने अपनी याचिका में ज़ी पर 83 करोड़ रुपये भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है।

NCLAT ने एस्सेल ग्रुप की सिटी नेटवर्क्स के खिलाफ दायर इंडसइंड बैंक का याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली। बुधवार को ही NCLAT ने रोहित मेहरा को कंपनी के लिए समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया।

बुधवार को हुए घटनाक्रम के एक दिन बाद ज़ी का शेयर बीएसई पर गुरुवार को कारोबार के दौरान 14 प्रतिशत तक लुढ़क गया। कारोबार समाप्त होने पर कंपनी को शेयर 198.75 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में शेयर 3.75 प्रतिशत टूट गया।

कानून के जानकारों का कहना है कि ज़ी के खिलाफ ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने संबंधा याचिका स्वीकार होने के बाद सोनी के साथ प्रस्तावित विलय में देरी हो सकती है।

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मुंबई स्थित विधि कंपनी पायनीयर लीगल में मैनेजिंग पार्टनर सतीश कृष्णचंदानी का कहना है कि सोनी के साथ विलय में कम से कम 3 से 6 महीने की देरी हो सकती है। कृष्णचंदानी ने कहा, ‘विलय पर NCLAT की मुहर लगने से पहले नए विवाद का समाधान होना जरूरी है।‘

चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में जी का शुद्ध मुनाफा 24.3 करोड़ रुपये रहा था और राजस्व का आंकड़ा 2,111.2 करोड़ रुपये रहा था। इस वर्ष के पहले नौ महीने की अवधि में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 243.81 करोड़ रुपये रहा। इसी अवधि के दौरान कंपनी ने 5,985.31 करोड़ रुपये राजस्व हासिल किया।

First Published : February 23, 2023 | 9:36 PM IST