प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब के लिए भारत दुनिया भर में एक बड़ा बाजार है। इसे ध्यान में रखते हुए यह प्लेटफॉर्म अब शॉपिंग फीचर और क्रिएटर ब्रांड साझेदारी के जरिये वृद्धि को रफ्तार देने की रणनीति पर काम कर रहा है, क्योंकि इस साल जुलाई में पूरे देश में 20 करोड़ से अधिक लॉग इन उपयोगकर्ताओं ने यूट्यूब पर खरीदारी से जुड़े कंटेंट की खोज की।
यूट्यूब की प्रबंध निदेशक गुंजन सोनी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘ज्यादा से ज्यादा खरीदारी की मंशा और ब्रांडों की जरूरतों के साथ भारत में वृद्धि हासिल करने की काफी गुंजाइश है, जिसमें श्रेणी की वृद्धि और बिलियन डे जैसे बड़े आयोजनों के दौरान बिक्री को बढ़ावा देना शामिल है।’ उन्होंने कहा, ‘यह हमारे ध्यान देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक होगा। इसके साथ ही हम ब्रांडों को क्रिएटर कंटेंट चुनने और इसे सीधे अपने ऐप इंटरफेस से बढ़ावा देने में मदद करने के वास्ते भी एक टूल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।’
यह कवायद ऐसे समय में की जा रही है जब भारत में एक साल पहले के मुकाबले इस साल फरवरी में खरीदारी से संबंधित कंटेंट देखने के समय में 250 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है। नतीजतन, प्लेटफॉर्म ने अपने यूट्यूब शॉपिंग एफिलिएट प्रोग्राम में नायिका और पर्पल जैसे दो नए साझेदारों को शामिल किया है।
यह कार्यक्रम पिछले साल 2024 में पेश किया गया था, जहां प्लेटफॉर्म पर जुड़े कुछ कंटेंट क्रिएटर नायिका, पर्पल, फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसे अपने भागीदारों के उत्पादों को टैग कर अपने कंटेंट से पैसे कमा सकते थे। मई में कंपनी ने घोषणा की कि वह भारतीय क्रिएटरों, आर्टिस्ट और मीडिया कंपनियों की वृद्धि में तेजी लाने के वास्ते 850 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है।
सोनी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फिलहाल, भारत में 40 फीसदी से अधिक योग्य क्रिएटर यूट्यूब शॉपिंग एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़े हैं, जिनमें 30 लाख से अधिक वीडियो एफिलिएट उत्पादों के साथ टैग किए गए हैं। इसके अलावा सोनी ने कहा कि भारत में यह देखा जा रहा है कि इसके उपयोगकर्ता भुगतान करने और इसके क्रिएटरों का समर्थन करने के लिए अधिक इच्छुक हैं।
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सोनी ने कहा, ‘बीते साल 2024 के अंत तक भारत में लगभग 45,000 चैनलों को फैन फंडिंग के जरिये समर्थन मिला। पिछले साल लगभग 10 करोड़ चैनलों ने यूट्यूब पर वीडियो अपलोड किए थे, जो हमें दिखाता है कि उपयोगकर्ता और क्रिएटरों की सीमाएं कैसे धुंधली हो रही हैं।’
सोनी ने कहा कि भारत में पिछले साल के मुकाबले सात अंकों या उससे ज्यादा कमाई करने वाले चैनलों की संख्या 10 फीसदी बढ़ी है। साथ ही, पिछले एक साल में लगभग 15,000 चैनलों के सबस्क्राइबर दस लाख से अधिक हो गए हैं। यह दर्शाता है कि क्रिएटर्स इस प्लेटफॉर्म के जरिये प्रशंसकों का कितना भरोसा हासिल करते हैं।
सितंबर तक यूट्यूब शॉर्ट्स ने लगभग 65 करोड़ लॉग-इन उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा हासिल कर लिया था और इसका सीटीवी उपयोगकर्ता आधार 7.5 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंच गया था। सोनी ने बताया कि बड़े स्क्रीन वाला ईकोसिस्टम पिछले लगभग पांच वर्षों से यूट्यूब का सबसे तेजी से बढ़ने वाला प्लेटफॉर्म रहा है।