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Yatharth Hospitals Q1 Result: यथार्थ हॉस्पिटल्स एंड ट्रॉमा केयर सर्विसेज (Yatharth Hospitals and Trauma Care Services) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की जून तिमाही (Q1FY25) में अपने कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में 60 प्रतिशत की सालाना (Y-o-Y) वृद्धि दर्ज की है। इस तिमाही में कंपनी का मुनाफा 30.4 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 19 करोड़ रुपये था।
रेवेन्यू में 37% की सालाना वृद्धि
अस्पताल का संचालन से होने वाला रेवेन्यू Q1FY25 में बढ़कर ₹211.8 करोड़ हो गया, जो कि Q1FY24 में ₹154.5 करोड़ था। यह साल-दर-साल 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
Ebitda में 30% की वृद्धि, मार्जिन में मामूली गिरावट
कंपनी का Ebitda (ब्याज, टैक्स, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) जून तिमाही में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत बढ़कर 53.7 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, Ebitda मार्जिन 25.3 प्रतिशत रहा, जो Q1FY24 में 26.8 प्रतिशत था। कंपनी के बयान के अनुसार, यथार्थ के नए फरीदाबाद अस्पताल में हुए ऑपरेटिंग नुकसान की वजह से मुनाफे की दर में गिरावट आई है।
क्रमिक आधार पर, कंपनी का शुद्ध मुनाफा 21 प्रतिशत घटा, जबकि रेवेन्यू में 19 प्रतिशत की बढ़त हुई। Q4FY24 में कंपनी ने 38.3 करोड़ रुपये का मुनाफा और 177.8 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था।
ARPOB में 9% की सालाना वृद्धि
कंपनी ने Q1FY25 में प्रति बिस्तर औसत आय (ARPOB) में 9 प्रतिशत की सालाना बढ़त दर्ज की, जो ₹30,551 रही। जून तिमाही में बिस्तरों का उपयोग 61 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 51 प्रतिशत था।
ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी से बढ़ी ARPOB और ऑक्यूपेंसी
यथार्थ हॉस्पिटल्स के जून तिमाही के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए, यथार्थ त्यागी, जो कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक हैं, ने कहा कि ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी यथार्थ हॉस्पिटल्स की बढ़ती ARPOB और कुल ऑक्यूपेंसी के प्रमुख कारक बने हुए हैं। उन्होंने कहा, “इस तिमाही में हमने तीन नए महत्वपूर्ण प्रबंधन कर्मियों को शामिल किया है, ताकि हमारी वित्तीय टीम और मजबूत हो, नकदी प्रवाह और बैलेंस शीट में सुधार हो, और हमारी विस्तार योजना को आगे बढ़ाया जा सके।”
2028 तक 3,000 बेड का लक्ष्य, नई सेवाओं पर जोर
कंपनी की योजना है कि वह वित्त वर्ष 2028 तक बेड की संख्या 2,800-3,000 तक बढ़ाएगी। इसके अलावा, सुपर स्पेशल्टी सेवाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने और ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक्स जैसी नई सेवाओं को शुरू करने पर जोर दिया जाएगा, जिससे प्रति मरीज औसत कमाई बढ़ सके। विस्तार की रणनीति पर बोलते हुए त्यागी ने कहा कि कंपनी की साफ रणनीति उत्तर भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने पर केंद्रित है, जिससे वह हेल्थकेयर सेक्टर में लीडर बनी रहे और नई इनोवेशन करती रहे।