जल्द सुचारु होगा विस्ट्रॉन संयंत्र

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 6:36 PM IST

केंद्र सरकार ने कर्नाटक में आईफोन बनाने वाली विस्ट्रॉन कंपनी के कारखाने में हुई हिंसा पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से जल्द जांच पूरी करने को कहा है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवद्र्धन विभाग के सचिव ने कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। उन्होंने घटना की जांच जल्द से जल्द पूरी करने, अपराधियों का पता लगाने, वेतन संबंधी समस्या सुलझाने और निवेशकों के मनोबल में कोई कमी नहीं आने देने को कहा।
 कर्नाटक सरकार ने कहा है कि इस संयंत्र का परिचालन सुचारु करने के लिए वह कंपनी प्रबंधन के साथ मिलकर काम कर रही है। सरकार ने कहा है कि इस संयंत्र में काम करने वाले श्रमिकों की वास्तविक शिकायतों को दूर करने और परिचालन जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य के श्रम मंत्री एएस हेब्बार ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि अगले 15 से 20 दिनों में इस संयंत्र का परिचालन सुचारु हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अभी भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भुगतान में चूक ठेकेदारों की तरफ से हुई या कंपनी की तरफ से। जांच फिलहाल जारी है और जल्द ही उसका नतीजा सामने आ जाएगा।’
राज्य सरकार ने 44 एकड़ में विस्तृत इस संयंत्र के परिसर में शनिवार को सुबह हुई हिंसा की निंदा की और गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। मामले में अब तक करीब 160 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार ने कहा, ‘विस्ट्रॉन काफी महत्त्वपूर्ण परियोजना है और यह इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनने संबंधी भारत की महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है। राज्य सरकार इसकी सफलता और कारोबार की निरंतरता के लिए प्रतिबद्ध है।’
विस्ट्रॉन इंडिया के प्रबंध निदेशक सुदीप्त गुप्ता ने कर्नाटक सरकार को संबोधित एक पत्र में कहा था कि भारत कंपनी के लिए एक महत्त्वपूर्ण बाजार बनने जा रहा है। कंपनी ने कहा कि उसके प्रबंधन को इस घटना से तगड़ा झटका लगा है। प्रबंधन ने इसे अकल्पनीय करार दिया है।
ताइवान की इस कंपनी ने पहले एक एफआईआर में 437 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया था लेकिन बाद में ताइवान स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि कुल नुकसान लगभग 50 करोड़ रुपये था।
शनिवार की सुबह कई हजार लोग कथित तौर पर वेतन में कटौती और समय पर मजदूरी के भुगतान न किए जाने के विरोध में बेंगलूरु से लगभग 60 किलोमीटर दूर कोलार जिले में स्थित विस्ट्रॉन परिसर में एकत्रित हो गए और खिड़की के शीशे, एटीएम मशीन, सीसीटीवी कैमरे, वाहन एवं अन्य उपकरण तोड़ दिए। उस पर परिसर से कई हजार आईफोन, लैपटॉप और टेलीविजन सेट लूटने का भी आरोप था।
टेक्नोपार्क एडवाइजर्स के चेयरमैन अरविंद सिंघल ने कहा, ‘हो सकता है कि यह मेक इन इंडिया पहल में बाधा डालने के लिए किया गया हो। यह घटना इस तथ्य से प्रेरित हो सकती है कि कुछ इकाइयां ऐसी भी हो सकती हैं जिन्हें भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की तेजी में कोई दिलचस्पी न हो।’
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने राज्य सरकार को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि इस मामले में गलत तरीके से मजदूर विरोधी माहौल बनाया जा रहा है और पुलिस विभाग द्वारा मजदूरों के साथ मारपीट और उत्पीडऩ किया जा रहा है।

First Published : December 16, 2020 | 11:16 PM IST