कर्ज के बोझ तले दबी दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) का मालिक कौन होगा, इस पर फैसला अब नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) को करना है। RBI द्वारा नियुक्त प्रशासक ने एक सफल बोलीदाता के रूप में इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) का नाम NCLT को विचार के लिए प्रस्तुत किया है। बता दें कि यह देश की तीसरी सबसे बड़ी NBFC है, जिसके खिलाफ RBI ने IBC (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) के तहत दिवालिया प्रक्रिया शुरू की है।
रिलायंस कैपिटल के लगभग 99 फीसदी कर्जदाताओं ने हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) की समाधान योजना के पक्ष में वोटिंग की है। इस समाधान योजना में रिलायंस कैपिटल को 9,961 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। बता दें कि IIHL ने 26 अप्रैल को आयोजित दूसरे दौर की नीलामी में 9,661 करोड़ रुपये का कैश ऑफर किया था, जो इसके लिए सबसे बड़ी बोली है।
रिलायंस कैपिटल ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि प्रशासक ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 की धारा 30 (6) के तहत रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के लेनदारों की समिति द्वारा अनुमोदित IIHL की समाधान योजना को NCLT की मुंबई बेंच के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए एक आवेदन दायर किया है। RBI ने 29 नवंबर, 2021 को भुगतान चूक और गंभीर शासन संबंधी मुद्दों को देखते हुए रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था।
RBI ने नागेश्वर राव वाई (Nageswara Rao Y) को फर्म की कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) के लिए प्रशासक नियुक्त किया। रिलायंस कैपिटल तीसरी बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है जिसके खिलाफ RBI ने IBC के तहत दिवालियेपन की कार्यवाही शुरू की है। इससे पहले SREI ग्रुप एनबीएफसी और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DHFL) दिवालिया प्रक्रिया से गुजर चुकी हैं।