प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत की अग्रणी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील (Tata Steel) के सीईओ टीवी नरेंद्रन ने टाटा स्टील की भविष्य योजनाओं को लेकर विस्तार से बताया। टाटा स्टील के भविष्य के टिकाऊ उत्पादन की योजना को साझा करते हुए TATA Steel CEO ने कहा है कि कंपनी आने वाले 10-15 वर्षों में 10-15 मिलियन टन स्टील का उत्पादन रीसाइक्लिंग के जरिए करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
टाटा स्टील सीईओ ने कहा, “हम स्टील मैन्युफैक्चरिंग में लाइनियरिटी से सर्कुलैरिटी की ओर बढ़ रहे हैं। अगले 10-15 वर्षों में टाटा स्टील का 10-15 मिलियन टन उत्पादन रीसाइक्लिंग के जरिए किया जाएगा। यह कदम न केवल कार्बन उत्सर्जन में कटौती लाएगा बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता (Sustainability) की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।”
FY25 में टाटा स्टील ने 30.92 मिलियन टन स्टील का उत्पादन किया, जबकि इसकी कुल क्षमता 35 मिलियन टन है। यह उत्पादन भारत, ब्रिटेन, नीदरलैंड और थाईलैंड में फैली यूनिट्स से हुआ। वर्तमान में कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2030 तक भारत में 40 मिलियन टन स्टील उत्पादन क्षमता हासिल करे।
टाटा स्टील ने अपने यूके स्थित पोर्ट टैलबोट प्लांट में ब्लास्ट फर्नेस को बंद कर दिया है और अब वहां स्क्रैप आधारित इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (EAF) लगाया जा रहा है। इसी तरह नीदरलैंड में भी डच सरकार के साथ बातचीत चल रही है ताकि वहां भी हरित विकल्पों के जरिए उत्पादन शुरू किया जा सके।
टाटा स्टील के सीईओ टीवी नरेंद्रन ने कहा, “2035 तक यूरोप में हमारा कोई भी ब्लास्ट फर्नेस चालू नहीं रहेगा। हम ब्लास्ट फर्नेस से 10 मिलियन टन स्टील बनाते थे, अब यही मात्रा हम हरित और वैकल्पिक तकनीकों के जरिए बनाएंगे,”
Also Read: TATA Motors की नजर EVs पर
भारत में टाटा स्टील ने दिल्ली के पास पहले ही एक रीसाइक्लिंग प्लांट शुरू कर दिया है। इसके अलावा, लुधियाना में 0.75 मिलियन टन क्षमता वाला नया रीसाइक्लिंग आधारित यूनिट चालू वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा।
यह कदम भारत में रीसाइक्लिंग आधारित स्टील मैन्युफैक्चरिंग को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
टाटा स्टील का यह परिवर्तन न केवल उद्योग में हरित तकनीक अपनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की कंपनियां भी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
कंपनी का यह दृष्टिकोण उसे 2030 और 2035 के वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के करीब ले जाता है, जहां उत्सर्जन में कटौती, सर्कुलर इकोनॉमी और कार्बन-न्यूट्रल इंडस्ट्री की दिशा में अग्रसर होना अनिवार्य है।
टाटा स्टील के CEO टी.वी. नरेंद्रन के अनुसार, आने वाले वर्षों में रीसाइक्लिंग और हरित तकनीक के जरिए स्टील निर्माण को नई पहचान दी जाएगी। कंपनी की यह रणनीति न केवल उसके व्यापारिक प्रदर्शन को बेहतर बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक अनुकरणीय उदाहरण पेश करेगी। टाटा स्टील का यह कदम भारत को वैश्विक हरित औद्योगिक क्रांति में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार करता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
TATA Group HQ में पसरा सन्नाटा, क्या बोले नोएल टाटा, एन. चंद्रशेखरन, Air India CEO