भले ही सत्यम कांड ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया हो लेकिन इसके बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग से उम्मीदें अभी भी बहुत हैं।
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता इन्फोसिस टेक्नोलॉजी द्वारा नकदी की घोषणा के बाद बाजार का रुख बेहतर नजर आ रहा है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एस.गोपालकृष्ण के साथ विभू रंजन मिश्र और रवि मेनन की हुई बातचीत के मुख्य अंश:
इस मुश्किल वैश्विक वातावरण के बावजूद आपकी कंपनी के परिणाम काफी अच्छे रहे?
कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए हम लोगों ने मानक मॉडल का ही अनुसरण किया है। हम लोगों ने हमेशा ग्राहकों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया है।
आईटी बजट 2009 के लिए आपको अपने ग्राहकों से क्या संदेश मिला है?
हम उम्मीद कर रहे हैं कि ज्यादातर ग्राहकों के बजट को फरवरी माह के मध्य तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
हालांकि निश्चित रूप से इस वक्त हम मंदी का असर देख रहे हैं जिसकी वजह से निर्णय लेने और आंकलन करने में देरी हो रही है। ग्राहक पहले उन परियोजनाओं से उम्मीदें बांधे रखता है, जहां से उन्हें अधिकतम रिटर्न मिलता हो।
इस वक्त ऐसा जान पड़ता है कि खास तौर से विदेशी मोर्चे पर बढ़ी हुए उपयोगिता की दर आपको ज्यादा मार्जिन दिला रही है?
ग्राहकों को इस वक्त इसलिए भी फायदा हो रहा है क्योंकि विदेशो में कीमतें काफी कम हो गई हैं। अच्छे कर्मचारियों की वजह से ज्यादा फायदा हुआ है। हम लोग परियोजनाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने में सक्षम हैं।
विदेशी मोर्चे पर अच्छे परिणाम मिले हैं और यह सभी ग्राहकों के लिए अच्छी बात है। खास तौर पर मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में यह बहुत अच्छी बात है।
आपकी उपयोगिता की दर 75 फीसदी के आसपास रह गई है। भविष्य में इसमें कोई सुधार की उम्मीद है?
इस वक्त हमारी उपयोगिता की दर 74.8 फीसदी है। हालांकि इसमें प्रशिक्षुओं को शामिल नहीं किया गया है जोकि करीब 69 फीसदी हैं। निस्संदेह इसमें सुधार होगा।
हम लोगों ने उपयोगिता की दर को 78 से 80 फीसदी के बीच रखने का फैसला किया है। इसलिए आप ऐसा कह सकते हैं कि वर्तमान दर हमारे लक्ष्य से कम है।
सत्यम कांड से उद्योग जगत को क्या सबक मिला है? क्या आपको नहीं लगता इस घटना के बाद ग्राहक, निवेशक, कर्मचारी और साझेदार आईटी कंपनियों को संदिग्ध नजरों से देखेंगे?
इसमें कोई शक नहीं यह देश के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें लगता कि यह घटना अल्प अवधि के लिए ही ग्राहकों पर असर डालेगी लेकिन आगे चल कर हम लोग उनके विश्वास को फिर से जीत पाने में सफल होंगे।