दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर वॉलमार्ट इंक. (Walmart Inc) के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) डग मैकमिलन ने भारत के प्रति कंपनी की व्यावसायिक प्रतिबद्धता बरकरार रखने और वर्ष 2027 तक हर साल 10 अरब डॉलर के भारत निर्मित उत्पादों की खरीदारी का लक्ष्य पूरा करने पर जोर दिया। इसमें आपूर्तिकर्ताओं और भागीदारों तथा छोटे एवं मझोले उद्यमों का व्यापक नेटवर्क तैयार करना भी शामिल है।
मैकमिलन के साथ साथ वॉलमार्ट के अन्य प्रमुख दिग्गजों में अध्यक्ष एवं सीईओ (वॉलमार्ट इंटरनैशनल) ज्यूडिथ मैककेना भी भारत की यात्रा पर हैं। वॉलमार्ट की कंपनियों फ्लिपकार्ट, ग्लोबल टेक, और फोनपे के साथ साथ देश में उसके आपूर्तिकर्ताओं और भागीदारों की प्रगति का जायजा लेने के लिए वे मंगलवार को बेंगलूरु में थीं।
मैकमिलन ने कहा, ‘वॉलमार्ट भारत को लेकर प्रतिबद्ध है और हम यहां लंबे समय तक कारोबार करना चाहेंगे। इस देश में का भविष्य आकर्षक है।’
मैकमिलन और मैककेना ने भारत में अपने प्रमुख कार्यक्रमों और पहलों में कई आपूर्तिकर्ताओं, व्यावसायियों, कारीगरों और एमसएमई से मुलाकात की। इनमें वॉलमार्ट सोर्सिंग, वॉलमार्ट वृद्धि, फ्लिपकार्ट और फ्लिपकार्ट समर्थ, फोनपे, वॉलमार्ट मार्केटप्लेस, वॉलमार्ट ग्लोबल टेक और वॉलमार्ट फाउंडेशन मुख्य रूप से शामिल हैं।
मैकमिलन ने कहा, ‘हम उन भारतीय आपूर्तिकर्ताओं और भागीदारों को लेकर उत्साहित हैं, जो दुनियाभर में हमारे ग्राहकों और सदस्यों के लिए गुणवत्तायुक्त, किफायती उत्पाद तैयार करते हैं। हमें गर्व है कि हमारा व्यवसाय रोजगार पैदा कर, समुदायों को सक्षम बनाकर, और भारत की प्रगति को तेज कर देश के विकास में मददगार साबित हो सकता है।’
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वॉलमार्ट इंटरनैशनल की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी ज्यूडिथ मैककेना ने वॉलमार्ट के लिए लंबे समय से भारतीय बाजार को प्राथमिकता दी है।
मैककेना ने कहा, ‘हम इस देश और इसके भविष्य को लेकर आशान्वित हैं। मैं पूरे देश में उद्यमिता की भावना से लगातार प्रोत्साहित रही हूं, और इसी भावना की मदद से वॉलमार्ट भारत की सफलता की कहानी में छोटा सा योगदान देकर गौरवान्वित महसूस कर रही है। यह देश वर्ष 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। यही वजह है कि हम भारत के आर्थिक विकास, देश की महत्वाकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए भागीदारों को सेवा मुहैया कराने के लिए उत्साहित हैं। हम अवसर पैदा करने, स्थानीय समुदायों को सक्षम बनाने, और ग्राहकों, विक्रेताओं, आपूर्तिकर्ताओं तथा किसानों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
वर्ष 2030 तक ई-कॉमर्स क्षेत्र बढ़कर 350 अरब डॉलर पर पहुंच जाने का अनुमान है।