वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन के कथित धनशोधन मामले में अदालत से सामने पेश हुए और उन्हें जमानत मिल गई।
धनशोधन निरोधक अधिनियम के तहत विशेष अदालत के सामने धूत पेश हुए, जिसने उन्हें समन भेजा था। विशेष न्यायाधीश ए ए नंदगांवकर ने 5 लाख रुपये के व्यक्तिगत बॉन्ड पर उन्हें जमानत दे दी। अदालत ने उन्हें निर्र्देश दिया कि वे बिना इजाजत देश न छोड़ें और जांच एजेंसी के पास अपना पासपोर्ट जमा करा दें। साथ ही यह भी कहा गया है कि जब भी जांच में जरूरी हो वह प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हों।
अदालत ने 30 जनवरी को आईसीआईसीआई बैंंक की पूर्व सीईओ व एमडी चंदा कोछड़, उनके पति दीपक कोछड़ और धूत को समन भेजा था और इससे पहले ईडी के आरोपपत्र पर नजर डाली थी।
दीपक कोछड़ न्यायिक हिरासत में हैं और चंदा कोछड़ पिछले महीने अदालत के सामने पेश हुई थीं और उन्हें जमानत मिल गई थी। प्रवर्तन निदेशालय ने सितंबर 2020 में दीपक कोछड़ को हिरासत में लिया था जब उसने सीबीआई की तरफ से कोछड़, धूत व अन्य के खिलाफ सीबीआई की तरफ से दर्ज एफआईआर के आधार पर धनशोधन पर आपराधिक मामला दर्ज किया था।
ईडी का आरोप है कि चंदा कोछड़ की अगुआई वाली आईसीआईसीआई बैंक की समिति की तरफ से वीडियोकॉन इंटरनैशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को मंजूर 300 करोड़ रुपये के कर्ज में से 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज ने 8 सितंबर, 2009 को हस्तांतरित किया था, जो कर्ज वितरण के एक दिन बाद हुआ था।
ईडी ने कहा, एनआरपीएल को पहले न्यूपावर रीन्यूएबल लिमिटेड के नाम से जाना जाता था और इसके मालिक दीपक कोछड़ हैं।