देश की प्रमुख ऑटो कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) के नासिक संयंत्र में कर्मचारियों की हड़ताल लगातार तीसरे दिन भी जारी रही।
हड़ताल की वजह से कंपनी को रोजाना कम से कम 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। यहां तो यह भी माना जा रहा है कि हड़ताल से आजिज आकर कंपनी नासिक को कुछ वक्त के लिए अलविदा कह सकती है।
कंपनी नासिक संयंत्र की बजाय किसी दूसरे संयंत्र से उत्पादन बढ़ाने के बारे में सोच रही है। नाम न छापने की शर्त पर कंपनी से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘कंपनी किसी दूसरी उत्पादन इकाई से उत्पादन बढ़ाने के विकल्प पर तेजी के साथ काम कर रही है।’
नासिक संयंत्र में कंपनी की फ्लैगशिप यूटिलिटी व्हीकल स्कोर्पियो, बोलेरो और नई नवेली जाइलो बनाई जाती है। इसके अलावा महिंद्रा रेनो की सेडान कार लोगान भी यहां बनाई जाती है। संयंत्र की सालाना क्षमता डेढ़ लाख वाहनों की है। बाजार में जाइलो की इस समय अच्छी खासी मांग है। ऐसे में हड़ताल के ज्यादा लंबा खिंचने से कंपनी को काफी नुकसान हो सकता है।
दरअसल कंपनी ने संयंत्र के कर्मचारियों की यूनियन के अध्यक्ष माधव धात्रक को बर्खास्त कर दिया है। इसी वजह से कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मियों का कहना है कि कंपनी पिछले 22 महीनों से नये वेतनमान को लटकाया है और इसी के लिए दवाब बनाने पर ही उनके अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया गया है।
कंपनी का इस मामले में अलग रुख है उसका कहना है कि धात्राक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। कंपनी की ओर से कहा गया है, ‘प्रबंधन इस मामले में कर्मियों से बात कर रहा है और जल्द ही इसका हल निकल जाएगा।’
कंपनी के उप महाप्रबंधक उदय कुमार वैद्य कहते हैं, ‘यह हड़ताल पूरी तरह से गैरकानूनी है जिसकी वजह से कंपनी को रोजाना 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।’
फंस गया चक्का
यूनियन अध्यक्ष को हटाने पर हड़ताल शुरू
तीन दिन से जारी, रोजाना 25 करोड़ रु. का नुकसान
जाइलो, स्कॉर्पियो, बोलेरो और लोगान बनती हैं इस संयंत्र में
