बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में सूचीबद्ध कंपनी वेदांत बॉन्ड जारी कर और प्रवर्तकों की 5 फीसदी तक हिस्सेदारी की बिक्री के जरिये करीब 1 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है। बैंकिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा है कि निजी नियोजन के आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) जारी करने पर विचार करने के लिए 13 अप्रैल को निदेशकों की बैठक होगी। वित्त वर्ष 2023 के लिए रिकॉर्ड 37,700 करोड़ रुपये के लाभांश की घोषणा करने वाली कंपनी ने यह नहीं बताया है कि एनसीडी के जरिये कितनी रकम जुटाई जाएगी।
बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि वेदांत रिसोर्सेज भी कंपनी में अपनी करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए निवेशकों से बातचीत कर रही है। वेदांत में उसकी करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी है।
वेदांत ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
वेदांत समूह अपनी विदेश इकाई जिंक इंटरनैशनल के खाते में अतिरिक्त 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए फैरालॉन कैपिटल से बातचीत कर रही है। बैंकिंग सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। वेदांत रिसोर्सेस ने अपनी भारतीय इकाई वेदांत से इस ऋण पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से निगमित गारंटी मांगी है।
इस बारे में एक बैंकर ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘समूह ऋण चुकाने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है। समूह ने वित्र वर्ष 2023 में 2 अरब डॉलर ऋण चुकता भी कर दिया है। 90 करोड़ डॉलर रकम का भुगतान मार्च अंत तक होना है। समूह इसका भुगतान भी कर देगा।’
क्रिसिल के अनुसार वेदांत रिसोर्सेस को वित्त वर्ष 2024 और 2025 प्रत्येक में करीब 3 अरब डॉलर ऋण का भुगतान करना है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कंपनी इस ऋण का भुगतान करने के लिए रकम का बंदोबस्त करने में जुटी है ऋणदाताओं से बातचीत कर रही है।
अनिल अग्रवाल प्रवर्तित समूह की होल्डिंग कंपनी वेदांत रिसोर्सेज की दुनिया भर में धातु एवं खनन परियोजनाओं में हिस्सेदारी है। इसका मुख्य कारोबार भारत में है और वेदांत भारत में इसकी परिसंपत्तियों की होल्डिंग कंपनी है। मूल कंपनी को बकाया ऋणों पर 5,500 करोड़ रुपये ब्याज चुकाना पड़ रहा है। वीआरएल पर 28 फरवरी 2023 तक अनुमानित 7.4 अरब डॉलर कर्ज था।