वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने शेयर होल्डर्स को भेजे एक संदेश में जानकारी दी है कि अब कंपनी अपने अलग अलग कारोबारों की अलग अलग लिस्टिंग पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि वो इस मामले में सलाहकारों से विचार-विमर्श के बाद अपने सभी कारोबार या कुछ कारोबारों की अलग लिस्टिंग करेगी।
क्या बोले अनिल अग्रवाल
शेयर होल्डर्स को भेजे गए एक वीडियो मैसेज में कंपनी के चेयरमैन ने कहा, “अलग अलग कारोबार की लिस्टिंग का मतलब है कि आपके पास अगर वेदांता का एक शेयर है तो आगे आपको कई अन्य कंपनियों के शेयर मिल सकेंगे।”
उन्होंने ये भी कहा कि निवेशकों के पास अलग अलग क्षेत्रों में निवेश के भी अवसर मौजूद रहेंगे। साथ ही कुछ विदेशी कंपनियां जो किसी खास क्षेत्र में निवेश करना चाहती हैं, अलग लिस्टिंग करने से उनके लिए निवेश के मौके खुलेंगे।
ये खबर आने के बाद से आज यानी शुक्रवार को कंपनी के शेयर में 1 फीसदी की गिरावट देखी गई। शेयर गिरकर 235 रुपये के भाव पर आ गया है। कंपनी के शेयर के परफॉर्मेंस की बात करें तो, एक महीने में 15 फीसदी, तीन महीने में शेयर 20 फीसदी और एक साल में शेयर 11 फीसदी गिरा है।
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24 अगस्त को आई थी Vedanta और हिंदुस्तान जिंक से जुड़ी बड़ी खबर
24 अगस्त को हिंदुस्तान जिंक ने एक्सचेंजों को जानकारी दी कि कंपनी के गिरवी रखे शेयर एक्सिस ट्रस्टी से जारी हो गए हैं। प्रमोटर कंपनी वेदांता ने 3.3% इक्विटी के बराबर 13.94 करोड़ गिरवी शेयर वापस हासिल कर लिए हैं। इसके बाद अब एक्सिस ट्रस्टी के पास हिंदुस्तान जिंक के केवल 4.34% शेयर ही गिरवी हैं।
बता दें, हिंदुस्तान जिंक और इसकी प्रमोटर कंपनी वेदांता में गिरवी शेयरों को लेकर फैसिलिटी एग्रीमेंट की वजह से समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। इन दोनों कंपनियों ने सिटी, एक्सिस ट्रस्टी और अन्य के साथ खास तरह का फैसिलिटी एग्रीमेंट किया है।
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हिंदुस्तान जिंक में वेदांता की हिस्सेदारी
हिंदुस्तान जिंक में Vedanta की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। वेदांता के पास इस कंपनी में 64.92% की हिस्सेदारी है यानी कि 274.31 करोड़ रुपये के शेयर हैं। हालांकि, इसका एक बड़ा हिस्सा यानी लगभग 272 करोड़ शेयर (99.37%) हिस्सा गिरवी रखा है। अब 3.3 गिरवी शेयर के छुड़ाए जाने के बाद देखें तो हिंदुस्तान जिंक के अब 96.4% शेयर गिरवी रखे गए हैं।