अनिल अग्रवाल के नियंत्रण वाली वेदांत रिसोर्सेस की नकदी अगले कुछ हफ्ते में 2 अरब डॉलर जुटाने की कंपनी की क्षमता पर टिकी हुई है। यह कहना है वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडडर्ड ऐंड पुअर्स (एसऐंडपी) का।
इस बात की ज्यादा संभावना है कि कंपनी सितंबर 2023 तक की अपनी देनदारी पूरी कर लेगी। हालांकि इस अवधि के बाद नकदी दो मौजूदा लेनदेन में से कम से कम एक के पूरा होने पर निर्भर करेगी। पहला है दो अरब डॉलर की रकम जुटाना और दूसरा, वेदांत लिमिटेड की तरफ से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को अंतरराष्ट्रीय जिंक परिसंपत्तियों की प्रस्तावित बिक्री।
वेदांत लिमिटेड में वेदांत रिसोर्सेस की 70 फीसदी हिस्सेदारी है, और इस तरह से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में उसकी हिस्सेदारी 65 फीसदी बैठती है।
एसऐंडपी ने एक बयान में कहा, वेदांत रिसोर्सेस की रेटिंग (बी/स्थिर) पर तत्काल दबाव पड़ सकता है, अगर इन दोनों लेनदेन में से किसी में भी आगामी हफ्तों में प्रगति नहीं होती है।
सितंबर के बाद परिपक्व हो रहे कर्ज की खातिर बाहरी फंड अहम है, जिसमें 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त हो रही तिमाही में 50 करोड़ डॉलर के कर्ज की अदायगी और 1 अरब डॉलर के बॉन्ड की जनवरी 2024 में परिपक्वता शामिल है।
अगर कंपनी लक्ष्य के मुताबिक कम से कम 1.75 अरब डॉलर जुटा लेती है तो वह जनवरी 2024 तक के लिए पूरी फंडिंग कर लेगी। इस परिदृश्य में दिसंबर तक उसे वेदांत लिमिटेड से लाभांश पर कम से कम निर्भर रहना होगा। जो रकम बच जाएगी वह जनवरी 2024 की परिपक्वता के दौरान काम आएगी।