टैक्सी सेवा प्रदाता अमेरिकी कंपनी उबर के मुख्य कार्याधिकारी दारा खोसरोशाही ने कहा है कि भारतीय बाजार में कारोबार का अनुभव दुनिया के किसी भी दूसरे देश में कारोबार करना सहज बना देता है। खोसरोशाही ने कहा कि भारत में उपभोक्ता कम से कम खर्च पर अधिक से अधिक सेवाओं का लाभ उठाने को अधिक अहमियत देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कारोबार करने से मिली सीख दुनिया के किसी भी दूसरे देश में कारोबार करना आसान बना देती है।
बेंगलूरु में इन्फोसिस के सह-संस्थापक एवं आधार के सूत्रधार नंदन नीलेकणी को बताया, ‘भारत में कारोबार करना अपने आप में सहज नहीं माना जा सकता। यहा ग्राहक काफी उम्मीदें रखते हैं और किसी भी सेवा के लिए काफी सोच-समझकर और कम से कम भुगतान करना चाहते हैं।
‘खोसरोशाही ने ‘बिल्डिंग पॉप्युलेशन स्केल टेक्नोलॉजीज’ विषय का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘भारत हमारे लिए दुनिया के अन्य हिस्सों में कारोबार के द्वार खोलता है। अगर हम यहां सफल होते हैं तो यह सफलता दूसरे देशों में कारोबार करने का मानक बन जाती है।’
उबर के सीईओ ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद भारत में उबर के लिए यह बेहतरीन दौर है। उन्होंने कहा कि भारत में अपनी टीम को लेकर वह गर्व का अनुभव करते हैं। उबर के अनुसार किफायती कारोबारी खंड में कारोबार का विस्तार करना उनकी नजर में सबसे बड़ा रणनीतिक अवसर है। कंपनी भारत में किफायती सेवा खंडों जैसे दोपहिया, तिपहिया एवं बस सेवा आदि में अपना कारोबार का दायरा बढ़ाना चाहती है। इससे पहले कंपनी केवल चौपहिया खंड में कारोबार करने पर ही ध्यान केंद्रित कर रही थी।
खोसरोशाही ने कहा, ‘अगर मौजूदा समय को देखें तो किफायती सेवा खंडों को लेकर हमारा जोश बुलंदी पर है। हम तिपहिया, दोपहिया खंडों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही उच्च क्षमता वाली उबर बस तैयार करने पर ध्यान केद्रित कर रहे हैं। भारत में एक बड़ी आबादी तक अपनी सेवाएं पहुंचाने का यह हमारे लिए महत्त्वपूर्ण अवसर है।’ उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी केवल उच्च मध्यम वर्ग तक ही न सिमट कर भारत में आबादी के एक बड़े हिस्से तक अपनी सेवाएं पहुंचाना चाहती है।
खोसरोशाही ने कहा कि दुनिया के दूसरे देशों की कंपनियां एवं सरकारें भारत में विकसित डिजिटल सार्वजनिक ढांचे से काफी कुछ सीख सकती हैं। उन्होंने कहा कि एक तकनीकी कंपनी के तौर पर उबर ओपन सोर्स तकनीक में काफी दिलचस्पी ले रही है और लोगों को इससे मिलने वाले अवसरों का महत्त्व भी बखूबी समझती है। मार्च 2023 में समाप्त वित्त वर्ष में भारत में उबर का राजस्व 54 प्रतिशत बढ़कर 2,666 करोड़ रुपये पहुंच गया।
ओएनडीसी के साथ साझेदारी
उबर ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी), यूपीआई, डिजिलॉकर और आधार आदि के माध्यम से डिजिटल सार्वजनिक ढांचे का लाभ उठाने पर ध्यान देगी। उबर ने सरकार समर्थित ओएनडीसी के साथ एक समझौता भी किया है। इस समझौते के तहत कंपनी उबर ऐप पर विभिन्न तरह की सेवाएं देने के लिए ओएनडीसी की खूबियों का लाभ उठाएगी।