होटलों के किराए को सुनकर अक्सर पर्यटक पीक सीजन में यात्रा पर जाने की योजना को टाल देते हैं।
लेकिन इस साल पर्यटकों को शायद ऐसा न करना पड़े। दरअसल, पहले से ही मंदी की मार झेल रहे होटल कारोबारी इस साल अक्टूबर से मार्च के दौरान होटलों के किराए में मामूली (5-8 फीसदी) इजाफा करने की योजना बना रहे हैं, जबकि आमतौर पर इस दौरान किराए में दोगुना इजाफा किया जाता रहा है।
जानकारों का कहना है कि पिछले दो साल के दौरान होटल कारोबारियों ने प्रीमियम और लक्जरी सेगमेंट के किराए में 15-20 फीसदी का इजाफा किया है, जबकि इस साल मंदी की वजह से पहले ही होटलों के किराए में 20-25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। होटल लीलावेंचर का कहना है कि कंपनी पीक सीजन में अपने होटलों के किराए में इस साल केवल 5-8 फीसदी का इजाफा करने की तैयारी है।
होटल के वित्त निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी वी एल गणेश कहते हैं, ‘मंदी की वजह से पूरे साल पर्यटकों की बेरुखी से कारोबार पर दबाव रहा है लेकिन फिलहाल कमरों की मांग के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा लेकिन अगर हम होटल उद्योग में कुछ सुधार की उम्मीद कर रहे हैं तो वह इसी सीजन में होने जा रही है।’
होटल कंपनियां आगे और कटौती की संभावना की वजह से अभी अपने मौजूदा टैरिफ का ऐलान करने के मूड में नहीं दिख रही हैं। इंडियन ओशियन में इंटरनैशनल डेवलपमेंट के निदेशक सचिन माथुर कहते हैं, ‘अगले कुछ महीनों में क्या होने जा रहा है इस बारे में अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है। यह पर्यटकों की तादाद पर निर्भर करेगा।’
होटल कारोबार के लिहाज से पिछले साल सितंबर महीना सबसे बुरा बीता था। बावजूद इसके कई होटल कंपनियों ने अपने रूम रेट में 10 से 15 फीसदी की इजाफा किया था। लेकिन मौजूदा वक्त में होटल कंपनियां कीमतें कम करने की रणनीति के साथ ही कारोबार करने का मन बना रही हैं।
