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टीसीएस में नहीं होगा कोई बदलाव, सिद्धांतों पर देंगे ध्यान: के कृतिवासन

Published by
शिवानी शिंदे
Last Updated- March 17, 2023 | 11:07 PM IST

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने के कृतिवासन को नया मुख्य कार्या​धिकारी (सीईओ) नियुक्त कर देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा फर्म ने एक बार फिर समय से पहले अपने उत्तरा​धिकार और नेतृत्व के स्तर पर आंतरिक उम्मीदवारों को बढ़ावा देने की योजना की पु​ष्टि की है।

हालांकि कृ​तिवासन के नियु​क्ति की घोषणा के साथ ऐसा प्रतीत होता है कि टीसीएस में हर मुख्य कार्या​धिकारी का कार्यकाल कम हो रहा है। उदाहरण के लिए एफसी कोहली 28 साल तक कंपनी के सीईओ रहे थे। एस रामादुरई ने टीसीएस में 40 साल तक सेवाएं दीं जिनमें से 13 साल सीईओ पद पर रहे। एन चंद्रशेखरन 1987 में कंपनी में आए थे और 30 साल से सेवाएं दे रहे हैं लेकिन सीईओ पद पर आठ साल ही रहे।

इसी तरह राजेश गोपीनाथन ने छह साल तक टीसीएस में बतौर सीईओ अपनी जिम्मेदारी निभाई। 58 वर्षीय कृ​तिवासन 6 से 7 साल तक सीईओ रह सकते हैं, क्योंकि टीसीएस में सेवानिवृ​त्ति की आयु 65 वर्ष है।

मोतीलाल ओसवाल के मुकुल गर्ग ने अपने नोट में कहा, ‘बीते समय में सीईओ पद की जिम्मेदारी संभालने वालों के पास 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने से पहले लंबा वक्त था जबकि 58 वर्षीय कृतिवासन के पास बतौर सीईओ केवल 6-7 साल का समय होगा। यह उनके लचीलेपन को सीमित करता हैं लेकिन हमें उम्मीद है कि टीसीएस को अपने परिचालन मॉडल में बदलाव और हाल के समय में सिस्टम में फ्रेशर्स को शामिल करने का लाभ मिलता रहेगा।’

कृतिवासन के सीईओ पद की जिम्मेदारी संभालने का समय भी दिलचस्प है, खास तौर पर ऐसे समय में जब कंपनी का एजेंडा पहले से तय है। गोपीनाथन के कार्यकाल में टीसीएस ने 2030 तक 50 अरब डॉलर की कंपनी बनने की अपनी महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य का खाका पहले ही तैयार कर लिया है। इसके लिए कंपनी को सालाना नौ फीसदी की चक्रवृ​द्धि दर से विकास करने की जरूरत होगी।

मौजूदा वृद्धि दर को देखते हुए यह ज्यादा मु​श्किल नहीं है मगर वृहद आ​र्थिक हालात और आर्टिफि​शियल इंटेलिजेंस के विकास से तकनीकी की दुनिया में तेजी से हो रहा बदलाव बड़ी चिंता होगी।

कृ​तिवासन इन चुनौतियों से वाकिफ हैं क्योंकि वह कंपनी के सबसे बड़े कारोबारी सेगमेंट बीएफएसआई का नेतृत्व कर चुके हैं। टीसीएस की कुल आय में इस कारोबार का योगदान 32 फीसदी है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज इ​क्विटी रिसर्च ने एक नोट में कहा है, ‘सीईओ के बदलाव की घोषणा अप्रत्या​शित थी, खास तौर पर राजेश गोपीनाथन के मामले में क्योंकि पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 2022 में उन्हें दोबारा कंपनी की सीईओ नियुक्त किया गया था। हालांकि हम उम्मीद करते हैं कि यह बदलाव सुगम होगा क्योंकि कृतिवासन सबसे बड़े कारोबारी सेगमेंट बीएफएसआई के प्रमुख सहित वि​भिन्न भूमिकाओं में कंपनी में करीब 34 साल तक सेवाएं दे चुके हैं।’

सुबह मीडिया से बात करते हुए हल्के फुल्के अंदाज में कृतिवासन ने कहा कि चेन्नई से मुंबई जाकर 25.7 अरब डॉलर की आईटी सेवा फर्म की कमान संभालना बड़ी चुनौती लगती है।

मीडिया के साथ पहली बातचीत में कृतिवासन ने अपनी नई जिम्मेदारी की योजना का जिक्र किया। उन्होंने अपनी प्राथमिकता पर कहा, ‘हमारे लिए कर्मचारियों और ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करना सबसे महत्त्वपूर्ण है क्योंकि ये हमारे विकास के इंजन हैं। हम कोई बदलाव नहीं करेंगे और हम अपने मूल सिद्धांतों और उसे समय के साथ बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे।’

उन्होंने मुंबई में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमारे सामने कई अजेय चुनौतियां हैं, सही मायने में बहुत सारे अवसर हैं और हम इसका लाभ किस तरह उठाएं, उस दिशा में काम करना है तथा टीसीएस को और ऊंचाइयों पर ले जाना है।’

कृतिवासन ने कहा, ‘वृहद आ​र्थिक हालात में अनि​श्चितता होने का मतलब यह नहीं है कि ग्राहक डिजिटल बदलाव को अपनाना बंद कर देंगे… यदि इसमें एक या दो तिमाही में कुछ बाधा आती है तो विकास वापस आएगा और हम अपने सभी डिजिटल साधनों का लाभ उठाएंगे।’

सीईओ की जिम्मेदारी संभालने के बाद कंपनी में आंतरिक स्तर पर कोई बदलाव होगा, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम सभी योजनाओं पर गौर करेंगे और देखेंगे कि उस पर किस तरह आगे बढ़ना है। टीसीएस को सतत विकासवादी दृ​ष्टिकोण के तहत बनाया गया है। हम खुद को पुनर्गठित करने की पूरी को​शिश करेंगे।’

First Published : March 17, 2023 | 10:26 PM IST