बीएस बातचीत
देश भर में तेजी से फैल रही कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने बाजार को परेशान कर दिया है। बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस के मुख्य निवेश अधिकारी संपत रेड्डी ने पुनीत वाधवा से बातचीत में कहा कि चक्रीय क्षेत्र 2021 में छुपा रुस्तम साबित हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लघु अवधि में थोड़ा उतार-चढ़ाव दिख सकता है। पेश हैं मुख्य अंश
कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी और प्रमुख शहरों में लगाए जा रहे लॉकडाउन के मद्देनजर क्या आपको लगता है कि बाजार में अब गिरावट आएगी?
लघु अवधि के दौरान बाजार में थोड़ा उतार-चढ़ाव दिख सकता है लेकिन मार्च 2020 की तरह गिरावट दिखने की संभावना नहीं है। साथ ही, भारत में टीकाकरण अभियान अच्छी प्रगति कर रहा है और आने वाले महीनों में इससे कोविड मामलों की संख्या कम करने में मदद मिल सकती है। निवेशकों को बाजार में किसी भी बड़े उतार-चढ़ाव अथवा गिरावट का उपयोग अपने इक्विटी निवेश को बढ़ाने करना चाहिए।
आपके पोर्टफोलियो में कितना नकदी भंडार है?
हमारे मुख्य इक्विटी फंडों में नकदी का निम्न से मध्यम स्तर बरकरार है और हम आगे निवेश करना चाहते हैं।
आपके क्षेत्र की प्राथमिकताएं क्या हैं?
जिन प्रमुख क्षेत्रों को हम पसंद कर रहे हैं और जिन पर हमारा जोर है उनमें आईटी सेवा, एफएमसीजी और हेल्थेयर एवं डायग्नोटिक्स शामिल हैं। इसके अलावा पर्याप्त पूंजी वाले निजी क्षेत्र के बैंकों को लेकर भी हमारा नजरिया सकारात्मक है। हालांकि यदि आर्थिक सुधार की रफ्तार सुस्त रही तो लघु अवधि के दौरान इनमें कुछ उतार-चढ़ाव दिख सकता है लेकिन लंबी अवधि में इनके फंडामेंटल्स बरकरार रहेंगे। कोविड के पहले लहर के दौरान निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) और क्रेडिड लागत उम्मीद से कम दिखी थीं। ये बैंक आर्थिक सुधार के लिए किसी भी जोखिम से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में थे।
क्या मौजूदा बाजार परिस्थिति में 2020 की तरह अधिक से अधिक खुदरा निवेशक बाजार की ओर रुख करेंगे?
भारत में कोविड की दूसरी लहर के साथ निवेशकों का मूड थोड़ा सतर्क हो गया है। वित्त वर्ष 2021 में घरेलू म्युचुअल फंडों ने रिकॉर्ड शुद्ध इक्विटी बिकवाली दर्ज की थी क्योंकि निवेशकों ने बाजार में तेजी के बीच कुछ हद तक मुनाफा वसूली की। हालांकि मार्च 2021 में हमने इक्विटी फंडों में उलटा प्रवाह देखा। इस दौरान जून 2020 के बाद पहला शुद्ध मासिक निवेश दिखा दिखा जो मार्च 2020 के बाद सबसे अधिक शुद्ध मासिक निवेश था।
मार्च 2021 में एसआईपी ने भी लगभग 9,200 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड उच्च मासिक निवेश दर्ज की जबकि पिछले महीने में यह आंकड़ा 7,500 करोड़ रुपये का रहा था। बाजार में गिरावट अथवा उतार-चढ़ाव की स्थिति में हमें इस बार भी इक्विटी प्रवाह में कुछ तेजी दिख सकती है जैसा मार्च 2020 में दिखा था। कुल मिलाकर शेयर बाजार के कैश वॉल्यूम (प्रतिशत में) में खुदरा निवेशक की भागीदारी में जून से अगस्त 2020 के स्तर के मुकाबले थोड़ी कमी दर्ज की गई है। लेकिन यदि बाजार में तेजी आई तो लॉकडाउन के कारण खुदरा निवेशकों की गतिविधियों में हमें पिछले साल की तरह इस साल भी वृद्धि दिख सकती है।
कोई ऐसा क्षेत्र तो इस साल छुपा रुस्तम बनकर उभर सकता है?
मार्च 2020 में आई गिरावट के बाद पिछले एक साल के दौरान घरेलू चक्रीय क्षेत्रों में काफी तेजी दर्ज की गई है। कुछ चक्रीय क्षेत्र के दीर्घकालिक प्रदर्शन ने शुरुआती वर्षों में कमजोर प्रदर्शन दर्ज करने के बाद रक्षात्मक एवं गुणवत्ता वाले क्षेत्रों का रुख किया है। हालांकि कोविड की दूसरी लहर के कारण कुछ चक्रीय क्षेत्रों में थोड़ा उतार-चढ़ाव दिख सकता है लेकिन देश में टीकाकरण अभियान में तेजी के मद्देनजर घरेलू वृद्धि पर दोबारा ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिससे चक्रीय क्षेत्रों को सुर्खियां बटोरने में मदद मिलेगी।