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बड़ी कंपनियों में AI का ज्यादा इस्तेमाल नहीं: डैनियल

भारत में 1 लाख से अधिक कर्मचारियों के साथ टेलीपरफॉर्मेंस सबसे तेजी से बढ़ता बाजार बना, एआई की भूमिका पर भी चर्चा

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- May 01, 2025 | 11:15 PM IST

फ्रांस की बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट कंपनी टेलीपरफॉर्मेंस (अब टीपी) के 1 लाख से अधिक कर्मचारी भारत में काम करते हैं। उसके लिए भारत सबसे अधिक मुनाफा देने वाला और तेजी से बढ़ता बाजार है। हाल में नई दिल्ली आए कंपनी के चेयरमैन एवं सीईओ डैनियल जूलियन ने सुरजीत दास गुप्ता के साथ वीडियो साक्षात्कार में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और उससे जुड़ी सच्चाई तथा जमीनी हकीकत पर बात की। उन्होंने टेलीपरफॉर्मेंस के कारोबार में भारत और दूसर उभरते बाजारों के योगदान पर भी चर्चा की। प्रमुख अंशः

विश्व की कई नामी कंपनियां टेलीपरफॉर्मेंस की सेवाएं लेती हैं। वे एआई और डिजिटल तकनीक का कैसे इस्तेमाल कर रही हैं? इससे कर्मचारियों और उत्पादकता के बीच संतुलन पर क्या असर पड़ रहा है?

एआई तकनीक अपनाने और इस्तेमाल करने के मामले में हमारे ग्राहक सतर्कता से बढ़ रहे हैं। सर्वाधिक मूल्यवान 100 कंपनियां तो ज्यादा ही चौकन्नी दिखती हैं। उनमें कई तो एआई से जुड़ी जटिलताओं, उनसे जुड़े कानूनी झमेलों और ग्राहकों की भावनात्मक जरूरतों की चिंता कर रही हैं। जहां तक हमारी बात है तो जेनएआई जानकारियां तेजी से उपलब्ध कराकर और ग्राहकों के साथ संवाद का स्तर सुधार कर मदद पहुंचा रही है लेकिन हमें नहीं लगता कि एआई मानव की जगह पूरी तरह ले पाएगी। एआई और मानव संसाधन के बीच संतुलन महत्त्वपूर्ण है और एआई की भूमिका बढ़ाने के साथ-साथ हम ग्राहक सेवाओं में मानव की भागीदारी को लगातार प्राथमिकता दे रहे हैं।

दुनिया भर में कंपनियों में एआई के इस्तेमाल के बारे में आपको काफी अनुभव है। इस लिहाज से कंपनियां कहां खड़ी दिखाई दे रही हैं?

एआई के लिए कई बातें बढ़ा-चढ़ाकर कही जा रही हैं। मध्य एवं वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर ऐसी बातें अधिक हो रही हैं, जिसके कारण कंपनियां होड़ और नवाचार के लिए चिंतित हैं। मगर बड़े संगठनों में एआई की तैनाती और उस पर काम करने के मामले काफी कम हैं। सभी उद्योगों में एआई के व्यापक इस्तेमाल में कुछ साल और लग सकते हैं। यह सच है कि कई संगठन एआई के लाभों पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन बड़ी कंपनियों में इसका वास्तविक इस्तेमाल अब भी सीमित है। एआई अब भी शुरुआती अवस्था में है और बड़े स्तर पर इसके इस्तेमाल के लिए कंपनियों को बड़े पैमाने पर निवेश करना होगा।

कंपनियों के भीतर खासकर कस्टमर एक्सपीरियंस मैनेजमेंट में एआई की भूमिका कितनी बढ़ी है?

एआई का इस्तेमाल कम हो रहा है, उसकी चर्चा ज्यादा हो रही है। कई कंपनियों में रोबॉटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए) और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) जैसी बुनियादी तकनीक पर भी काम मुकम्मल नहीं हो पाया है। हमारी कंपनी मानव द्वारा किए जाने वाले कार्य पूरी तरह एआई से कराने के बजाय भर्ती एवं प्रशिक्षण जैसी आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार के लिए इसे अधिक अहमियत दे रही है। एआई का अपना महत्त्व है लेकिन कस्टमर एक्सपीरियंस मैनेजमेंट में इसका फिलहाल अधिक इस्तेमाल नहीं हो रहा है और हम अब भी इसकी पूरी क्षमता का पता लगाने के शुरुआती चरण में हैं।

टेलीपरफॉर्मेंस की कारोबारी योजना में भारत कितनी अहमियत रखता है?

हमारे समूह का करीब 11 अरब डॉलर राजस्व का अनुमान है और अमेरिका तथा यूरोप हमारे लिए बड़े बाजार हैं। मगर उत्पादन के लिहाज से अंग्रेजी के लिए भारत और फिलिपींस, स्पैनिश के लिए लैटिन अमेरिका और फ्रेंच के लिए उत्तर अफ्रीका सबसे बड़े क्षेत्र हैं। मलेशिया में एशियाई भाषाओं के लिए हमारा बहु-भाषा केंद्र भी है। भारत हमारे लिए सबसे बड़ा क्षेत्र है जहां लगभग 1 लाख कर्मचारी काम करते हैं। हमारे कुल कर्मचारियों का 20 प्रतिशत हिस्सा यहीं पर है। भारत न केवल हमारे संचालन का बड़ा केंद्र है बल्कि यह हमारे लिए सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में भी शामिल है। हमने डिजिटल एकीकरण और कस्टमर एक्सपीरियंस से जुड़े प्रयासों के लिए भारत में प्रतिभाओं की एक बड़ी टीम तैयार की है। दुनिया में उन्हें आजमाने से पहले हम भारत में इनका परीक्षण करते हैं। डिजिटल तकनीक एवं दक्षता में उत्कृष्टता के लिहाज से भारत हमारा प्रमुख केंद्र है।

आपने कहा कि भारत में आपके 1 लाख से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं मगर आपके राजस्व में इसका कितना योगदान है?

हमारे कुल राजस्व में भारत का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है। अमेरिका और मेक्सिको जैसे बाजारों की तुलना में भारत में सेवाएं कुछ कम कीमत पर दी जाती हैं। मगर एकीकृत डिजिटल एवं मानव संसाधन की खूबियों के कारण भारत हमारे लिए मुनाफे का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। हम भारत में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ाने में लगे हुए हैं।

भारत में भविष्य में कारोबार वृद्धि की क्या योजना है? भारत में कर्मचारियों की संख्या कितनी और बढ़ सकती है?

पिछले 12 महीनों के दौरान हमने 10,000 नए लोग जोड़े हैं, जिससे कुल संख्या 90,000 से बढ़कर 1,00,000 लाख तक पहुंच गई है। अगले कुछ वर्षों तक यह रुझान जारी रहने की उम्मीद है, यद्यपि इसकी रफ्तार इस बात पर निर्भर रह सकती है कि डिजिटलीकरण कर्मचारियों की संख्या पर कितना असर डालता है।

भारत जैसे देश में प्रतिस्पर्द्धा की स्थिति कैसी लग रही है? क्या दूसरे देश भी सेवाओं के लिए भारत की तरह ही कीमतों की पेशकश कर रहे हैं?

भारत प्रतिभाओं की उपलब्धता, कारोबार विस्तार से जुड़ी संभावनाओं और शिक्षण प्रणाली जैसी खूबियों के कारण कस्टमर एक्सपीरियंस में सबसे आगे चल रहा है। अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में भी अंग्रेजी सेवाएं इतनी ही कीमतों पर दी जा रही हैं मगर वे भारत की खूबियों एवं क्षमताओं का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। फिलिपींस में भी अब बढ़ोतरी की गुंजाइश बहुत कम है मगर भारत अपनी बड़ी आबादी और सेवा क्षमताओं के कारण संभावनाओं से भरपूर है। मिस्र भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जहां अंग्रेजी सेवाओं के लिए काफी संभावनाएं हैं। मिस्र में हमारे 25,000 कर्मचारी काम करते हैं। यह भारत जितना बड़ा तो नहीं है मगर हमारे लिए तेजी से उभरता बाजार है। भारत की तुलना में मिस्र में मूल्य अधिक हैं मगर अधिक अंतर नहीं है।

First Published : May 1, 2025 | 11:15 PM IST