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Tata खरीदेगी पेगाट्रॉन इंडिया में 60% हिस्सा,  iPhone उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़कर 44% हो जाएगी

टनाक्रम के जानकार लोगों के अनुसार इस सौदे से देश में आईफोन उत्पादन के मामले में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन के बीच अंतर काफी कम हो जाएगा।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- January 24, 2025 | 11:04 PM IST

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ऐपल के लिए ठेके पर आईफोन बनाने वाली ताइवान की पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन की भारतीय इकाई पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया में 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की आज घोषणा की। घटनाक्रम के जानकार लोगों के अनुसार इस सौदे से देश में आईफोन उत्पादन के मामले में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन के बीच अंतर काफी कम हो जाएगा। फॉक्सकॉन भी ऐपल के लिए ठेके पर आईफोन बनाती है।

चेन्नई के समीप पेगाट्रॉन के आईफोन कारखाने में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए टाटा लंबे समय से बात कर रही थी। इससे पहले मार्च 2024 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवान की एक अन्य कंपनी विस्ट्रॉन के कर्नाटक कारखाने का अ​धिग्रहण किया था। इस कारखाने में भी ऐपल के लिए आईफोन बनाया जाता है।

ठेके पर आईफोन बनाने वाली कंपनियों की ओर से केंद्र और राज्य सरकार को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 2024 में भारत में कुल करीब 1.50 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का उत्पादन किया गया। इनमें फॉक्सकॉन ने 84,000 करोड़ रुपये (कुल उत्पादन का 56 फीसदी), टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने 40,000 करोड़ रुपये (26 फीसदी) और पेगाट्रॉन ने 26,000 रुपये मूल्य के आईफोन का उत्पादन किया था।

पेगाट्रॉन सौदे के बाद देश में आईफोन के उत्पादन में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की हिस्सेदारी बढ़कर 44 फीसदी हो जाएगी और फॉक्सकॉन तथा टाटा के उत्पादन का अंतर कम हो जाएगा। इससे टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के कर्मचारियों की संख्या में भी काफी इजाफा होगा। पेगाट्रॉन में सीधे तौर पर काम करने वाले 17,000 कर्मचारी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स में आएंगे जिससे कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 48,000 हो जाएगी।

उत्पादन बढ़ने से आईफोन निर्यात में भी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की बड़ी हिस्सेदारी हो जाएगी। 2024 में देश से बाहर भेजे गए कुल आईफोन में टाटा की हिस्सेदारी 29 फीसदी थी, जो पेगाट्रॉन सौदे के बाद बढ़कर 48 फीसदी हो सकती है।

इस सौदे के बारे में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ और प्रबंध निदेशक रणधीर ठाकुर ने कहा, ‘पेगाट्रॉन टैक्नोलॉजी इंडिया में बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण विनिर्माण बढ़ाने की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की रणनीति के अनुरूप है। हम एआई, डिजिटल और तकनीक आधारित विनिर्माण के नए युग में प्रवेश करेंगे। कंपनी अपने कारखानों में विनिर्माण के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करेगी।’ इस बारे में अधिक जानकारी के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को ईमेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।

घटनाक्रम पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि अधिग्रहण के लिए बातचीत चलने की वजह से पेगाट्रॉन ने भारत में अपना आईफोन उत्पादन धीमा कर दिया था। अब सौदे के बाद टाटा के नेतृत्व में इसके कारखाने से उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है।

इसके अलावा टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स तमिलनाडु के होसुर में भी आईफोन का एक नया कारखाना लगा रही है जिसके इस साल के अंत तक चालू होने की उम्मीद है। इस संयंत्र के चालू होने के बाद आईफोन के उत्पादन में और इजाफा होगा। फॉक्सकॉन ने भी भारत में अपने विनिर्माण की पैठ मजबूत करने के लिए 2 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की है।

सौदे के तहत टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अपनी टीम को पेगाट्रॉन के साथ जोड़ेगी, जिससे परिचालन में सुगमता आ सके। पेगाट्रॉन कारखाने को नए स्वामित्व ढांचे के अनुरूप नए सिरे से ब्रांडिंग की जाएगी मगर उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की प्रतिबद्धता को बरकरार रखा जाएगा।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स पहले आईफोन के लिए केवल पुर्जों की आपूर्ति करती थी मगर अब वह बड़े पैमाने पर आईफोन का उत्पादन कर रही है। 2023 में टाटा ने 14,300 करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का उत्पादन किया था जो 2024 में 180 फीसदी बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गए।

First Published : January 24, 2025 | 11:04 PM IST