प्रमुख वाहन कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) वित्त वर्ष 2024-25 में नए उत्पाद पेश करने पर और प्रौद्योगिकियों के लिए 43 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह रकम वित्त वर्ष 2024 में निवेश किए गए 41,200 करोड़ रुपये से थोड़ी अधिक है।
कंपनी की ब्रिटेन की इकाई जगुआर लैंड रोवर (JLR) को इस निवेश की बड़ी हिस्सेदारी मिलेगी। कंपनी जेएलआर में तकरीबन 35 हजार करोड़ रुपये (3.5 अरब पाउंड) का निवेश करेगी। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने जेएलआर में 33 हजार करोड़ यानी करीब 3.3 अरब पाउंड का निवेश किया था, जबकि टाटा मोटर्स में करीब 8 हजार करोड़ रुपये लगाए थे।
टाटा मोटर्स के ग्रुप मुख्य वित्त अधिकारी पीबी बालाजी ने संवाददाताओं से कहा कि वित्त वर्ष 2025 में जेएलआर का निवेश करीब छह फीसदी बढ़ रहा है जबकि टाटा मोटर्स में निवेश सपाट है। उन्होंने कहा कि जेएलआर में इसलिए अधिक निवेश किया जा रहा है क्योंकि उत्पाद योजनाएं एक साथ आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि जेएलआर और टाटा मोटर्स (Tata Motors) के लिए निवेश सभी उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के लिए है। जेएलआर इस साल बाजार में रेंज रोवर बीईवी और डिफेंडर ऑक्टा पेश करने जा रही है।
शेयरखान के विश्लेषक ने कहा है, ‘वित्त वर्ष 2025 में पूंजीगत व्यय 3.5 अरब डॉलर (35 हजार करोड़ रुपये) रहने की उम्मीद है। 3.3 अरब डॉलर के नियोजित पूंजीगत व्यय के बावजूद 0.7 अरब डॉलर के चालू शुद्ध ऋण के तुलना में जेएलआर के वित्त वर्ष 2025 में कर्ज मुक्त होने की उम्मीद है। कार्यशील पूंजी लाभ के उलट जाने से जेएलआर को वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में नकदी देखने को मिल सकती है।’
बीते वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जेएलआर का शुद्ध ऋण 1.57 अरब डॉलर से कम होकर 73.2 करोड़ डॉलर रह गया था। भारत में वाहन परिचालन अब ऋणमुक्त है और वित्त वर्ष 2025 में समेकित स्तर का शुद्ध ऋण समान स्थिति हासिल करने की भी संभावना है।
मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने कहा है, ‘बढ़ती लागत के दबाव को देखते हुए हम उम्मीद कर रहे हैं कि जेएलआर का मार्जिन वित्त वर्ष 2024 से 26 तक स्थिर रहेगा क्योंकि मांग सृजन, नॉर्मलाइजिंग मिक्स और ईवी की बढ़ती लोकप्रियता से मार्जिन कमजोर होने की आशंका है।’
विश्लेषकों को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कर्व एसयूवी और अगले साल सिएरा जैसी गाड़ियों की पेशकश के साथ भारत के यात्री वाहन बाजार में कारोबार बढ़ता हुआ दिख सकता है।