टाटा ग्रुप इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर बिजनेस में उतरने की योजना बना रहा है। इकनॉमिक टाइम्स (ET) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप तमिलनाडु के कृष्णागिरि में बने अपने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के आसपास ही जमीन की तलाश कर रहा है।
समूह की इस योजना के मुताबिक, टाटा समूह मोबाइल कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग रेंज में और विस्तार कर सकता है। रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े जानकारों का हवाला देकर कहा गया है कि टाटा ग्रुप एक आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्ट (OSAT) यूनिट भी स्थापित कर सकता है।
Tata Electronics कर्नाटक के कोलार जिले में विस्ट्रॉन (Wistron) की iPhone मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का अधिग्रहण कर रही है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की विस्तार योजना इसी के तहत हो सकती है। ET ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि टाटा ग्रुप तमिलनाडु में किसी अन्य स्थान पर जमीन तलाश रहा है।
रिपोर्ट में एक व्यक्ति के हवाले से कहा गया है, ‘अब जब टाटा समूह विस्ट्रॉन प्लांट का अधिग्रहण कर रहा है, तो वह असेंबलिंग में भी शामिल हो सकता है, लेकिन फिलहाल अभी यह पूरी तरह से निश्चित नहीं है कि ग्रुप तमिलनाडु में कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग ज्यादा करेगा या असेबलिंग की।’
बता दें कि Tata Electronics टाटा ग्रुप की सहायक कंपनी है। कंपनी ने फोन कंपोनेंट की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए 2021 में तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए थे। ग्रुप इसके लिए 4,684 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इस फैसिलिटी से 18,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
चालू होने पर, टाटा इलेक्ट्रॉनिक का प्लांट तमिलनाडु में तीसरा ऐसा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा। ताइवान की फॉक्सकॉन (Foxconn) और पेगाट्रॉन (Pegatron) के राज्य में पहले से ही प्लांट हैं।
ET की रिपोर्ट में इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के कदमों से संकेत मिलता है कि समूह एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर (end-to-end semiconductor) और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में प्रवेश करना चाहता है।