facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

टाटा कंसल्टेंसी ने बाहरी लोगों की नियुक्ति से अंकुश हटाया

Last Updated- December 15, 2022 | 4:59 AM IST

प्रमुख आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज  ने वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में बाहर से नियुक्तियों पर पूरी तरह रोक लगाने के बाद अब लेटरल हायरिंग (उद्योग से अनुभवी लोगों की नियुक्ति) को सुचारु करने का निर्णय लिया है। हालांकि मुंबई की इस कंपनी ने कहा है कि फिलहाल उसकी नजर चुनिंदा नियुक्तियों पर रहेगी।
टीसीएस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी राजेश गोपीनाथ ने कहा, ‘मांग परिदृश्य पर हमारी नजर बनी हुई है और हमने टीसीएस परिवेश में नए सहायकों को शामिल करने के अलावा चुनिंदा लेटरल हायरिंग करने का निर्णय लिया है।’ उन्होंने वित्तीय नतीजा जारी करने के बाद विश्लेषकों से बातचीत में गुरुवार को कहा, ‘पिछली तिमाही में हमने (कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण) अनिश्चितता के मद्देनजर लेटरल हायरिंग पर रोक लगाने लेकिन सभी बेहतरीन पेशकश का सम्मान करने का संकेत दिया था।’
जानकारों का कहना है कि टाटा समूह ने यह पहल इसलिए शुरू करने का निर्णय लिया है क्योंकि तिमाही दर तिमाही आधार पर उसके कर्मचारियों की संख्या 4,788 घटकर 4,43,676 रह गई है जबकि कर्मचारिेयों के कंपनी छोडऩे की दर भी तिमाही के दौरान 100 आधार अंक घटकर 11.1 फीसदी रह गई। हालांकि कंपनी ने कहा है कि तिमाही के दौरान नियुक्तियों की शुद्ध संख्या में गिरावट इसलिए आई है क्योंकि वह तिमाही के दौरान स्वैच्छिक तौर पर खाली हुए पदों को भरने के लिए आंतरिक प्रतिभाओं को बरकरार रख रही है।
टीसीएस के वैश्विक प्रमुख (मानव संसाधन) मिलिंद लक्खड़ ने कहा, ‘हमने परिचालन कुशलता के जरिये लोगों को नहीं जोड़ा है और खाली पदों को आंतरिक प्रतिभा प्रबंधन के जरिये भरा गया है। इसलिए नियुक्तियों की शुद्ध संख्या नकारात्मक दिख रही है।’
हालांकि पिछले साल टीसीएस ने परिसरों से करीब 40,000 लोगों को नियुक्ति की पेशकाश की थी, लेकिन अब इन स्नातकों की नियुक्तियों को टाला जा सकता है क्योंकि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच उनके अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हो पाई है। टीसीएस ने कहा कि वह सभी रोजगार पेशकश का सम्मान करेगी।
एचआर विशेषज्ञों का मानना है कि शीर्ष आईटी कंपनियों में नियुक्तियों की सुस्त रफ्तार फिलहाल जारी रहेगी और वह पिछले साल जैसी नहीं दिखेगी। सीआईईएल एचआर सर्विसेज के सीईओ आदित्य मिश्रा ने कहा, ‘बड़ी आईटी कंपनियों के पास बड़े ठेके होते हैं जिन पर बातचीत चल रही है और कुछ को फिलहाल रो दिया गया है। आमतौर पर सितंबर और दिसंबर तिमाहियों के दौरान नियुक्तियों में तेजी आती है। लेकिन हमें लगता है कि इस साल तीसरी तिमाही के दौरान कुल नियुक्तियों में पिछले साल के मुकाबले 5 फीसदी की गिरावट दिखेगी।’ उन्होंने कहा कि जून तिमाही में अन्य सभी आईटी सेवा कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या में गिरावट दिख सकती है।

First Published - July 10, 2020 | 11:30 PM IST

संबंधित पोस्ट