कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान स्वच्छता लहर पर सवार आईटीसी का स्वच्छता ब्रांड सैवलॉन इस साल 1,000 करोड़ रुपये के उपभोक्ता खर्च को पार करने के लिए तैयार है जो पिछले साल के मुकाबले चार गुना अधिक है। साथ ही कंपनी के पर्सनल केयर पोर्टफोलियो में इस लक्ष्य तक पहुंचने वाला यह पहला ब्रांड है।
आईटीसी के प्रभागीय मुख्य कार्याधिकारी (पर्सनल केयर उत्पाद कारोबार) समीर सत्पथी ने कहा कि सैवलॉन हमारे पर्सनल केयर पोर्टफोलियो का पहला ऐसा ब्रांड होगा जो 1,000 करोड़ रुपये के उपभोक्ता खर्च को पार करेगा। हाल तक विवेल 500 करोड़ रुपये के वार्षिक उपभोक्ता खर्च के साथ आईटीसी के पर्सनल केयर कारोबार का सबसे बड़ा ब्रांड था।
हालांकि समझा जाता है कि सैवलॉन का उपभोक्ता खर्च 1,000 करोड़ रुपये के पार पहले ही पहुंच चुका है।
आईटीसी के गैर-सिगरेट एफएमसीजी ब्रांडों का वार्षिक उपभोक्ता खर्च वर्ष 2019-20 में 19,700 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी के 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के वार्षिक उपभोक्ता खर्च वाले ब्रांडों में आशीर्वाद (6,000 करोड़ रुपये), सनफीस्ट (4,000 करोड़ रुपये), बिंगो! (2,700 करोड़ रुपये), यिप्पी! (1,300 करोड़ रुपये)और क्लासमेट (करीब 1,400 करोड़ रुपये) शामिल हैं जबकि सैवलॉन महज 250 करोड़ रुपये के स्तर पर था।
सत्पथी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान सैवलॉन ने 50 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक दर से वृद्धि की है। उन्होंने कहा, ‘इस ब्रांड का मौजूदा आकार उसके अधिग्रहण के समय के मुकाबले 15 से 16 गुना बड़ा है। हमने सभी मोर्चे पर इसे रफ्तार देने की कोशिश की है चाहे वितरण हो अथवा ब्रांड पुननिर्माण या फिर नवाचार।’
कोविड वैश्विक महामारी के दौरान उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सैवलॉन ब्रांड के तहत कई उत्पाद लॉन्च किए गए। इनमें कीटणुनाकशक स्प्रे, सैनिटाइजर (प्लेन और मेडिकेटेड), पोछे, कीटाणुनाशक सफाई के उत्पाद, बहुउद्देशीय कीटाणुनाशक लिक्विड और कपड़ों के लिए कीटाणुनाशक स्प्रे शामिल हैं।
वर्ष 2015 में आईटीसी ने जब सैवलॉन का (शॉवर टु शॉवर के साथ) अधिग्रहण किया था तो उसमें साबुन, एंटीसेप्टिक लिक्विड और हैंड वॉश शामिल थे। उस दौरान इस ब्रांड का उपभोक्ता खर्च 50 से 55 करोड़ रुपये के दायरे में था।
हालांकि सैवलॉन विकास कर रहा था लेकिन कोविड वैश्विक महामारी के दौरान इसे जबरदस्त रफ्तार मिली। सैवलॉन की मासिक बिक्री अब उस स्तर तक पहुंच गई है जहां उसकी सालाना बिक्री होती थी। मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए सैनिटाइजर के उत्पादन में 275 गुना तक वृद्धि दर्ज की गई।
सत्पथी ने कहा कि भागीदारों के साथ मिलकर विनिर्माण करने के लिए करीब 5 से 6 नए संयंत्र जोड़े गए। पूर्वी बाजार में एक नया संयंत्र तैयार हो रहा है।