भारतीय प्रौद्योगिकी स्टार्टअप तंत्र ने 2022 के 25 अरब डॉलर की तुलना में 2023 में फंडिंग यानी निवेश गतिवि धि में 72 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की है। इसके साथ ही पिछले पांच वर्षों में यह सबसे कम निवेश वाला वर्ष बन गया है। इस साल अब तक 7 अरब डॉलर की कुल पूंजी प्राप्त हुई है जिससे भारत इस संदर्भ में 2022 और 2021 के चौथे पायदान से नीचे आकर 2023 में वै श्विक रूप से सर्वा धिक वित्त पो षित देशों की सूची में 5वें स्थान पर आ गया।
ट्रैक्सन जियो एनुअल रिपोर्ट: इंडिया टेक 2023 के अनुसार, आ खिरी तिमाही (चौथी तिमाही) में अब तक 95.7 करोड़ डॉलर की सबसे कम पूंजी दर्ज की गई है, जिससे भारत 2026 की तीसरी तिमाही के बाद से सबसे कम निवेश आक र्षित करने वाला देश बन गया है।
यह गिरावट मुख्य तौर पर लेट-स्टेज फंडिंग में आई बड़ी कमजोरी की वजह से दर्ज की गई है। यह फंडिंग 2022 के 15.6 अरब डॉलर से 73 प्रतिशत तक घटकर 2023 में 4.2 अरब डॉलर रह गई। 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा फंडिंग सौदों की संख्या सिर्फ 17 रही, जो पिछले साल के मुकाबले 69 प्रतिशत तक कम है।
बढ़ती स्मार्टफोन पैठ और कैशलैस अर्थव्यवस्था की दिशा में सरकारी पहलों की वजह से फिनटेक में 2023 में अब तक 2.1 अरब डॉलर का निवेश हासिल हुआ है, जो पिछले साल की समान अव धि के 5.8 अरब डॉलर से काफी कम है।
प्रमुख पेमेंट कंपनी फोनपे इस क्षेत्र में शीर्ष वित्त पो षित कंपनी के तौर पर उभरी है और उसने चार सीरीज-डी राउंड में 75 करोड़ डॉलर का निवेश हासिल किया। परफियोस, इंश्योरेंसदेखो और क्रेडिटबी इस साल अन्य प्रमुख वित्त पो षित कंपनियां रहीं।
रिटेल क्षेत्र को 1.9 अरब डॉलर का निवेश मिला, जो 2022 के मुकाबले 67 प्रतिशत की गिरावट है। लेंसकार्ट ने दो सीरीज-जे राउंड में 60 करोड़ डॉलर जुटाए और 2023 में इस क्षेत्र में प्रमुख वित्त पो षित कंपनी के तौर पर उभरी।
2023 में तीसरे सर्वा धिक वित्त पो षित क्षेत्र एंटरप्राइज एप्लीकेशन ने पिछले साल के मुकाबले फंडिंग के संदर्भ में 78 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की। इस क्षेत्र में 1.56 अरब डॉलर का निवेश हासिल हुआ।
फंडिंग में सुस्ती के बावजूद, एनवायरनमेंट टेक और स्पेसटेक जैसे क्षेत्रों ने निवेशकों कों का ध्यान आक र्षित किया। एनवायरनमेंट टेक ने 1.2 अरब डॉलर, जबकि स्पेसटेक ने 2023 में अब तक 6 प्रतिशत वृद्धि के साथ 12.2 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई है।
रिपोर्ट में जिन अन्य खास बातों पर जोर दिया गया है, उनमें यह भी शामिल है कि 2023 में सिर्फ दो नए यूनिकॉर्न बने- इनक्रेड और जेप्टो, जबकि पिछले साल यह संख्या 23 थी। वहीं अ धिग्रहणों की संख्या 36 प्रतिशत घटकर 119 रह गई क्योंकि 2022 में यह आंकड़ा 187 था।
हालांकि इस साल आईपीओ की संख्या में बड़ी गिरावट नहीं देखी गई। 2023 में अब तक 18 टेक कंपनियों के आईपीओ आए हैं, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 19 था। आइडियाफोर्ज, यात्रा और आइकियो लाइटिंग 2023 में आए कुछ खास टेक आईपीओ में शामिल हैं।
भारत के टेक स्टार्टअप तंत्र में बेंगलूरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर लगातार बड़ा निवेश आक र्षित कर रहे हैं। लेट्सवेंचर, एक्सेल और ब्लूम वेंचर्स भारतीय टेक क्षेत्र के विकास में समर्थन करने वाले प्रमुख निवेशक हैं।