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स्टेलिस बायोफार्मा करेगी स्पूतनिक-वी टीके की 20 करोड़ खुराक तैयार

Last Updated- December 12, 2022 | 6:51 AM IST

बेंगलूरु की स्टेलिस बायोफार्मा कोरोनावायरस के स्पूतनिक-वी टीके का उत्पादन और आपूर्ति करने के लिए रूस के सॉवरिन वेल्थ फंड – रशियन डाइरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) से साझेदारी करने वाली तीसरी भारतीय कंपनी बनकर स्वदेशी कंपनियों – ग्लैंड फार्मा और हेटरो की श्रेणी में आ गई है।
आरडीआईएफ-स्टेलिस का यह समझौता, जिसमें करीब 20 करोड़ खुराकों का शुरुआती उत्पादन और आपूर्ति शामिल है, एनसो हेल्थकेयर के तहत आ गया था, जो भारत में स्पूतनिक-वी टीकों की आपूर्ति के लिए आरडीआईएफ की समन्वय साझेदार है।
स्टेलिस वर्ष 2021 की सितंबर तिमाही से आपूर्ति शुरू करेगी करेगा और इस प्रारंभिक समझौते से परे अतिरिक्त मात्रा की आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए आरडीआईएफ के साथ भी काम करना जारी रखेगी। यह स्ट्राइड्स फार्मा साइंस की बायोफर्मास्युटिकल इकाई है, जो इसे स्वतंत्र रूप से अलग और सूचीबद्ध करने की योजना बना रही है। हैदराबाद की ग्लैंड फार्मा ने हाल ही में स्पूतनिक-वी की 25.2 करोड़ खुराकों की आपूर्ति करने के लिए आरडीआईएफ के साथ एक समझौता किया था। हेटरो भी इस टीके की 10 करोड़ खुराकों की आपूर्ति करेगी।
स्ट्राइड्स ग्रुप के संस्थापक अरुण कुमार ने कहा ‘हम स्पूतनिक-वी टीके की वैश्विकआपूर्ति उपलब्ध कराने की दिशा में पर्याप्त योगदान देने के लिए आरडीआईएफ के साथ साझेदारी करने से प्रसन्न हैं, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सबसे कारगर स्वीकृत टीकों में से एक है। हम आरडीआईएफ के साथ अपनी प्रारंभिक प्रतिबद्धताओं से परे टीकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए भी काम करेंगे।’
स्पूतनिक-वी ने परीक्षणों में 91.6 प्रतिशत असर दिखाया है, जो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड के टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की प्रभावशीलता से कहीं अधिक है, जिन्हें इस समय भारत में लगाया जा रहा है। यह रूसी टीका भारत में आपातकालीन उपयोग के अधिकार के लिए विचाराधीन है। भारत में इसका विपणन डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) द्वारा किया जाएगा, जो भारतीयों पर स्पूतनिक-वी की सुरक्षित और प्रतिरोधक क्षमता सिद्ध करने के लिए क्लीनिकल ​​परीक्षणों के प्रबंध के वास्ते आरडीआईएफ के साथ भी काम कर रही है। टीकों पर भारतीय विशेषज्ञ समूह ने डीआरएल से प्रतिरक्षा संबंधी और अधिक उपलब्ध करने के लिए कहा है। इससे पहले डीआरएल ने कहा था कि आरडीआईएफ अगले 12 महीनों के दौरान विनिर्माण करने वाले विभिन्न भागीदारों से भारतीय नागरिकों के लिए स्पूतनिक-वी की 25 करोड़ खुराकों के लिए तैयारी कर चुकी है। शेष खुराक  उन 51 देशों को निर्यात की जाएंगी, जहां स्पूतनिक-वी को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। नवंबर में आरडीआईएफ के मुख्य कार्याधिकारी किरिल दिमित्रिएव ने कहा था कि योजना विनिर्माण साझेदारी के जरिये वैश्विक स्तर पर एक अरब खुराकों की आपूर्ति करने की योजना है।

First Published - March 19, 2021 | 11:42 PM IST

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