ज़ी एंटरटेनमेंट ने मंगलवार को कहा कि वह सोनी इंडिया के साथ विलय के लिए प्रतिबद्ध है। मीडिया में खबरें आई थीं कि जापानी कंपनी 10 अरब डॉलर के सौदे को रद्द करने के बारे में सोच रही है। ज़ी ने कहा कि ये खबरें आधारहीन और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं और कंपनी सौदा पूरा होने की दिशा में काम कर रही है।
ब्लूमबर्ग ने सोमवार को कहा था कि नियामकीय जांच का सामना करने वाले ज़ी के मुख्य कार्याधिकारी पुनीत गोयनका विलय होने वाली कंपनी का नेतृत्व करेंगे या नहीं इस गतिरोध के बीच 20 जनवरी की तय समयसीमा खत्म होने से पहले सोनी समाप्ति नोटिस देने की योजना बना रही है।
ज़ी का शेयर 8 फीसदी गिरकर बंद हुआ। इससे पहले भी नकदी संकट से जूझ रही कंपनी का शेयर 14 फीसदी गिर गया है। विलय नहीं होने की सूरत में कंपनी के भाग्य को लेकर चिंता जताई जा रही है।
विश्लेषकों को लगता है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी के भारतीय मीडिया और मनोरंजन कारोबार का विलय होने से कंपनियों के लिए यह सौदा महत्त्वपूर्ण है।
इस विलय का उद्देश्य नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम जैसी स्ट्रीमिंग दिग्गजों को भी टक्कर देना था। विज्ञापन से आमदनी में गिरावट का सामना कर रही ज़ी का सितंबर में समाप्त छमाही में नकदी भंडार कम हो कर 2.48 अरब रुपये रह गया था।
एक साल पहले की इसी अवधि में कंपनी का नकदी भंडार 5.88 अरब रुपये था। कंपनी के शुद्ध लाभ में भी 68 फीसदी की गिरावट आई।
ब्रोकरेज एंबिट कैपिटल के अनुसंधान विश्लेषक विवेकानंद सुब्बारामन ने कहा, ‘अगर विलय नहीं होता है तो यह आश्चर्यजनक होगा क्योंकि दोनों कंपनियों को भारत में अकेले कारोबार करने में कठिनाइयां होंगी।’
एमके ग्लोबल के विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह सौदा नहीं होता है तो क्रिकेट मैचों के टीवी प्रसारण के अधिकार के लिए डिज्नी स्टार के साथ ज़ी का चार वर्ष का समझौता खतरे में आ जाएगा। सौदे की अवधि के दौरान ज़ी को 1.32 अरब डॉलर से 1.44 अरब डॉलर का भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा, ‘इतनी बड़ी रकम का भुगतान अकेले करना संभव नहीं है।’
ब्लूमबर्ग न्यूज ने खबर दी थी कि ब्रॉडकास्टर जनवरी में क्रिकेट मैचों के टीवी अधिकारों के लिए डिज्नी को 20 करोड़ डॉलर का भुगतान करने से चूक गया। हालांकि, ज़ी और डिज्नी दोनों ने इस मुद्दे पर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं की।