भारतीय स्टार्टअप परिवेश में रकम जुटाने की रफ्तार सुस्त पडऩे के संकेत अब दिखने लगे हैं। केपीएमजी की वेंचर पल्स रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान देश में वेंचर कैपिटल निवेश की रफ्तार 2021 की दूसरी छमाही के मुकाबले सुस्त पड़ गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 300 सौदों के तहत कुल वीसी निवेश 7.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के दौरान भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र ने 10.65 अरब डॉलर जुटाए। कैलेंडर वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के दौरान जुटाई गई रकम की तुलना कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान जुटाई गई रकम से करने पर निवेश में 24 फीसदी की गिरावट का पता चलता है। हालांकि सालाना आधार पर गौर किया जाए तो जुटाई गई रकम कैलेंडर वर्ष 2021 की पहली तिमाही के दौरान जुटाए गए 3.35 अरब डॉलर के मुकाबले अधिक है।
जिंस कीमतों में तेजी, ब्याज दरों में वृद्धि और वैश्विक भूराजनीतिक अस्थिरता के मद्देनजर भारत में निवेशकों का रुख कहीं अधिक सतर्क होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे बाजार में रकम की उपलब्धता प्रभावित होगी। भारत में पहली तिमाही के दौरान तीन बड़े दौर के तहत बैजूस द्वारा 80 करोड़ डॉलर, स्विगी द्वारा 70 करोड़ डॉलर और डेलीहंट द्वारा 47.8 करोड़ डॉलर जुटाए गए।
ग्लोबल वीसी निवेश 2021 की चौथी तिमाही के 191.9 अरब डॉलर (10,775 सौदे) से घटकर वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 144.8 अरब डॉलर (3,349 सौदे) रह गया।
केपीएमजी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में वीसी निवेश वैश्विक तौर पर मजबूत बने रहने की संभावना है, क्योंकि बाजार में फंडिंग उपलब्ध है, हालांकि वीसी निवेशक अपने निवेश निर्णय लेने की प्रक्रिया कोलेकर अब ज्यादा सतर्क रहेंगे, खासकर वैकल्पिक निवेशक। आरंभिक और शुरुआती स्तर की कंपनियां ज्यादा प्रभावित होंगी, क्योंकि निवेशकों का जोर अपने पोर्टफोलियो को जोखिम-मुक्त बनाने पर रहेगा।’
फंडिंग पर दबाव से मूल्यांकन के साथ साथ नए ‘यूनिकॉर्न’ भी प्रभावित होंगे। कई वीसी कंपनियां कह रही हें कि 2020 में रफ्तार कुछ हद तक धीमी रह सकती है। भले ही वीसी निवेश कर रहे हैं, लेकिन यदि आप पहली तिमाही में ‘सूनिकॉर्न’ की बढ़ती कोष उगाही पर विचार करें तो आंकड़े अलग दिखते हैं। वेंचर इंटेलीजेंस के आंकड़े के अनुसार सिर्फ तीन सूनिकॉर्न ने कोष जुटाया है और इनमें परफियोज सॉफ्टवेयर, रूपीक और इन्फमनी शामिल हैं।
नॉर्वेस्ट वेंचर्स पार्टनर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं प्रमुख नीरेन शाह का मानना है कि कि यूनिकॉर्न निर्माण की रफ्तार पिछले साल के समान रहेगी। उन्होंने कहा, ‘इस साल यूनिकॉर्न की संख्या में अच्छी शुरुआत देखी गई है, लेकिन वैश्विक बाजार हालात वर्ष की दूसरी छमाही में खेल बिगाड़ सकते हैं।’
2022 के लिए इनोवेन कैपिटल रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर निवेशकों (47 प्रतिशत) को फंडिंग गतिविधि में कुछ नरमी आने की आशंका है। वर्ष 2022 में निवेशकों ने संकेत दिया कि सास, वेब 3.0, फिनटेक, हेल्थ-टेक ऐंड क्रिएटर दिलचस्पी के मुख्य क्षेत्र हैं।
हालांकि केपीएमजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोष उगाही के संदर्भ में कमजोर पहली तिमाही के बावजूद वीसी निवेशकों ने ई-कॉमर्स, फिनटेक, एडटेक, सोशल प्लेटफॉर्म और गेमिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी दिलचस्पी दिखाई।