Shriram Group अगले वित्त वर्ष 2024-25 तक संपत्ति प्रबंधन कारोबार में प्रवेश करने के लिए तैयार है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘संपत्ति पुनर्गठन गतिविधियों में कारोबार के लिए नियामकीय मंजूरी का इंतजार है।’
समूह अपनी अनुषंगी श्रीराम क्रेडिट के जरिये संपत्ति प्रबंधन कारोबार में उतरेगा, लेकिन श्रीराम कैपिटल के जरिये संपत्ति पुनर्गठन करेगा। श्रीराम फाइनैंस के कार्यकारी वाइस चेयरमैन उमेश रेवणकर ने बताया, ‘हम अगले वित्त वर्ष में संपत्ति प्रबंधन की योजना बना रहे हैं। दूसरी तरफ, हमने संपत्ति पुनर्गठन के लिए भी आवेदन किया है।’
भारत की सबसे बड़ी खुदरा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में से एक श्रीराम फाइनैंस की इस वित्त वर्ष में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) में 20 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य है।
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रेवणकर ने बताया, ‘हम अभी तक 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं। हमारी इच्छा है कि इस पूरे साल के लिए एयूएम 20 प्रतिशत के वृदि्ध लक्ष्य को पूरा करे। हम अगले वित्त वर्ष में 15 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल करना चाहेंगे। इसका कारण यह है कि पहली तिमाही में चुनाव होने के कारण अनिश्चितता रहेगी।’
इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी का एयूएम बढ़कर 2.14 लाख करोड़ रुपये था जबकि 2022-23 की अक्टूबर–दिसंबर तिमाही में 1.77 लाख करोड़ रुपये था। लिहाजा इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एयूएम 21 प्रतिशत बढ़ा।
श्रीराम फाइनैंस का 2023-24 की तीसरी तिमाही का समेकित कुल लाभ मामूली रूप से 4 प्रतिशत बढ़कर 1,873.59 करोड़ रुपये हो गया जबकि 2022-23 में 1801.66 करोड़ रुपये था।