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भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम 5 साल के लिए आवंटित करने की योजना, स्टारलिंक को झटका

स्टारलिंक ने 20 साल के लिए सैटेलाइट स्पेक्ट्रम ब्रॉडबैंड लाइसेंस मांगा है।

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एजेंसियां   
Last Updated- March 13, 2025 | 10:31 PM IST

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारत के दूरसंचार नियामक ने बाजार में शुरुआती इस्तेमाल का आकलन करने के लिए सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को लगभग पांच वर्षों के लिए आवंटित करने की सिफारिश करने की योजना बनाई है, जो एलन मस्क के स्टारलिंक के विपरीत है। स्टारलिंक ने 20 साल के लिए सैटेलाइट स्पेक्ट्रम ब्रॉडबैंड लाइसेंस मांगा है।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) मौजूदा समय में केंद्र सरकार को प्रमुख सिफारिशें देने का काम कर रहा है, जिसमें सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की समय-सीमा और मूल्य निर्धारण भी शामिल है। इसे प्रशासनिक रूप से आवंटित किया जाएगा। मस्क और भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी ने इस सप्ताह भागीदारी की है जिसके तहत अंबानी के रिलायंस स्टोरों में स्टारलिंक डिवाइस को बेचा जा सकेगा।

स्टारलिंक ने नई दिल्ली पर ‘सस्ती कीमत और दीर्घावधि व्यापार योजनाओं’ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करने का दबाव डाला है, जबकि रिलायंस ने इसे तीन साल के लिए मांगा है, जिसके बाद वह चाहता है कि भारत बाजार का पुनर्मूल्यांकन करे।

भारती एयरटेल ने भी लाइसेंस के लिए 3-5 साल की अवधि पर जोर दिया है। अंबानी की रिलायंस की तरह एयरटेल और मस्क ने भी स्टारलिंक के लिए वितरण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि ट्राई लाइसेंस की कम समय-सीमा की मांग पर सहमत होने की योजना बना रहा है, जो ‘लगभग 5 वर्ष होगी और फिर तय किया जाएगा कि यह क्षेत्र किस प्रकार आगे बढ़ता है।’

 

First Published : March 13, 2025 | 10:31 PM IST