देश के स्मार्टफोन बाजार में दूसरा स्थान गंवाने के छह महीने बाद, कोरियाई कंपनी सैमसंग ने अप्रैल-जून तिमाही में एक बार फिर यह स्थान हासिल कर लिया। वितरण नेटवर्क को सुव्यवस्थित करने और एक बार फिर आम लोगों की मांग पर ध्यान केंद्रित करने के साथ साथ प्रतिस्पर्धी कंपनियों द्वारा वैश्विक महामारी के चलते अपना परिचालन सामान्य करने के लिए की गई जद्दोजहद के चलते पिछले तीन महीनों में सैमसंग की किस्मत बेहतर हुई।
कभी स्थानीय स्मार्टफोन बाजार में अपना परचम लहराने वाली सैमसंग साल 2017 के अंतिम महीनों में चीन की श्याओमी से पिछड़ गई थी। हालांकि देश के शीर्ष स्मार्टफोन विक्रेताओं की सूची में एक बार फिर गिरावट कंपनी के लिए अपेक्षाकृत नई घटना रही। दो साल तक स्मार्टफोन बाजार में दूसरे स्थान पर बने रहने के बाद, अक्टूबर-दिसंबर 2019 तिमाही में चीनी हैंडसेट प्रमुख वीवो ने तीसरे स्थान पर धकेल दिया। अतिप्रतिस्पर्धी बाजार में सैमसंग की बाजार हिस्सेदारी एक बार फिर घटी और यह दिसंबर के 19 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में 16 फीसदी पर आ गई। कैलेंडर वर्ष 2019 के दौरान सैमसंग की बाजार हिस्सेदारी पिछले आठ वर्षों में सबसे कम से कम रही।
हालांकि महामारी एवं इसके बाद लगा लॉकडाउन कंपनी के लिए राहत की सांस लेकर आया। मार्च की शुरुआत से ही चीन में आपूर्ति श्रंखला में अव्यवस्था फैलने लगी और इसके चलते श्याओमी, वीवो, रियलमी तथा ओप्पो जैसे सभी प्रमुख चीनी ब्रांडों को नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, पिछले साल अक्टूबर माह में चीन से अपनी विनिर्माण इकाई समेटने वाली सैमसंग इन अवरोधों से प्रभावित नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि साल 2019 की शुरुआत से ही सैमसंग ने अपनी रणनीतियों में बदलाव किया और एक बार फिर भारत के 90 फीसदी वाले मोबाइल क्षेत्र, शुरुआती एवं मध्यम स्तर के हैंडसेट कारेबार में अपने कदम बढ़ाए।