बर्मन परिवार रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के अधिग्रहण की कोशिश कर रहा है। इस बीच कंपनी की चेयरपर्सन रश्मि सलूजा का कहना है कि रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की संपत्तियों और निवेश का पूरा फायदा उठाने का काम अधिग्रहणकर्ता की ‘गैर जिम्मेदारी’ (“irresponsibility” of the acquirer) की वजह से अटका हुआ है।
सलूजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘रेलिगेयर समूह की चारों कंपनियां वित्तीय मोर्चे पर अच्छा कर रही हैं। हमारी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) पर लगा फर्जीवाड़े का दाग हट गया है और कर्ज देने वालों के साथ एकमुश्त निपटारा भी कर दिया गया है। अब रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की आगे की संभावनाओं का फायदा उठाने पर जोर है।’
डाबर समूह के प्रवर्तक (promoters of Dabur group) बर्मन परिवार ने रेलिगेयर में 26 फीसदी हिस्सेदारी और खरीदने के लिए पिछले साल अक्टूबर में खुली पेशकश (open offer) का प्रस्ताव किया था किंतु उसे अभी तक नियामक (regulators) से मंजूरी नहीं मिली है। रेलिगेयर का शेयर (Religare share price) शुक्रवार (10 मई 2024) को 212 रुपये पर बंद हुआ। खुली पेशकश 235 रुपये के भाव पर की गई थी लेकिन रेलिगेयर के बोर्ड ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह कंपनी के सही मूल्य के हिसाब से नहीं है।
सलूजा ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि अधिग्रहण का प्रस्ताव लाने वाले दूसरे शेयरधारकों के प्रति ज्यादा जिम्मेदारी दिखाएं और कंपनी से उन्हें पूरा फायदा देने में हमारी मदद करें। प्रबंधन नियामक से उचित एवं उपयुक्त तमगा हासिल करने में मदद नहीं कर सकता और यह काम उन्हें ही करना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘खुली पेशकश से कंपनी के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है मगर छोटे शेयरधारकों को नुकसान हो रहा है क्योंकि खुली पेशकश में रखी गई कीमत कंपनी के सही मूल्य और संभावनाओं के हिसाब से नहीं है।’
सलूजा ने कहा कि सभी को अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेकर सुनिश्चित करना चाहिए कि अन्य शेयरधारकों को नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि कंपनी सालाना 59 फीसदी चक्रवृद्धि दर से विकास कर रही है और निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, जो चाहते हैं कि खुली पेशकश पर स्थिति स्पष्ट हो। उन्हें कंपनी की क्षमता और रेलिगेयर की पुनरुत्थान की रणनीति पर भरोसा है।
सलूजा ने कहा, ‘उन्हें (बर्मन परिवार को) तय करना चाहिए कि वे निवेश बनाए रखेंगे या बाहर निकलेंगे। हालांकि वे चाहें तो बतौर शेयरधारक बने रह सकते है।’ उन्होंने कहा कि खुली पेशकश से पहले रेलिगेयर का शेयर 280 रुपये पर कारोबार कर रहा था क्योंकि निवेशक प्रबंधन के कामकाज से संतुष्ट दिखाई दे रहे थे।
सलूजा ने कहा कि प्रबंधन शेयरधारकों को अधिक फायदा देना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘हमें पूरी उम्मीद है कि प्रस्तावित खुली पेशकश पर कोई निर्णय ले लिया जाएगा। हम अपने दम पर कारोबार बढ़ाने के चरण में पहुंच गए हैं और चौतरफा सेवाएं देने वाली वित्तीय सेवा कंपनी बन गए हैं। अब तक 21 बैंकों को कुल 12,000 करोड़ रुपये रकम लौटाई जा चुकी है और हमने निवेशकों के लिए उम्दा अवसर भी तैयार किए हैं। प्रबंधन और निदेशकमंडल ने कारोबार को दोबारा नई दिशा दी है इसलिए खुली पेशकश आने तक शेयर 17 रुपये से बढ़कर 280 रुपये पर पहुंच गया था।’
उन्होंने कहा कि रेलिगेयर परिसंपत्ति पुनर्गठन, धन प्रबंधन और बीमा ब्रोकिंग कारोबार (asset reconstruction business, wealth management, and insurance broking) में उतरना चाहती है।