लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक सेक्टर ने 2024 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस अवधि में देश के 8 प्रमुख शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलूरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद में लॉजिस्टिक और औद्योगिक संपत्ति की मांग में 25 फीसदी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही इस संपत्ति के किराये में भी वृद्धि हुई है।
संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया के मुताबिक 2024 की पहली छमाही में लॉजिस्टिक और औद्योगिक संपत्ति की मांग 242 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई। इसमें पिछली समान अवधि की तुलना में 25 फीसदी इजाफा हुआ। इसमें ए ग्रेड संपत्ति की हिस्सेदारी 70 फीसदी और बी ग्रेड की हिस्सेदारी 30 फीसदी रही। कुल मांग में 38 फीसदी हिस्सेदारी के साथ 3PL यानी थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स सेक्टर की सबसे बड़ी भूमिका रही। इसके बाद ऑटो व इंजीनियरिंग सेक्टर की 23 फीसदी और एफएमसीजी, एफएमसीडी व रिटेल सेक्टर की हिस्सेदारी 20 फीसदी दर्ज की गई।
जेएलएल इंडिया के मुताबिक इस साल की पहली छमाही में लॉजिस्टिक और औद्योगिक संपत्ति की मांग बढ़ने के साथ इसके किराये में भी वृद्धि हुई है। सालाना आधार पर ए ग्रेड संपत्ति के किराये में 4.8 फीसदी और बी ग्रेड संपत्ति के किराये में 6.4 फीसदी इजाफा हुआ है। इस वृद्धि के साथ ए ग्रेड संपत्ति का औसत किराया 24 रुपये वर्ग फुट प्रति माह और बी ग्रेड संपत्ति का किराया 20 रुपये वर्ग फुट प्रति महीना हो गया ।
अगले कुछ सालों के दौरान लॉजिस्टिक और औद्योगिक संपत्ति की आपूर्ति तेजी से बढ़ने की संभावना है। जेएलएल के मुताबिक अभी इस संपत्ति की आपूर्ति 3,930 लाख वर्ग फुट है, इसके वर्ष 2027 तक बढ़कर 5,950 लाख वर्ग फुट तक पहुंच सकती है। यह विस्तार लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक सेक्टर में मजबूत क्षमता पर जोर देता है, जो आने वाले वर्षों में डेवलपर, निवेशकों और हितधारकों के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदर्शित करता है। जेएलएल इंडिया में लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक सेक्टर के प्रमुख योगेश शेवड़े ने कहा कि अभी ए ग्रेड वेयरहाउसिंग आपूर्ति 2,040 लाख वर्ग फुट है, जो बी ग्रेड आपूर्ति 1,890 लाख वर्ग फुट से ज्यादा है।