करीब 7 करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) यानी कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर उनका ध्यान क्विक कॉमर्स कंपनियों की ओर से किए जा रहे कानूनों और नियमों के कथित उल्लंघन की ओर खींचा है।
अपने पत्र में कैट ने आरोप लगाया है कि कैसे ये कंपनियां देश के रिटेल बाजार को खराब करने के लिए विदेशी निवेश का दुरुपयोग कर रही हैं, जिससे छोटे दुकानदारों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। कैट ने शुरू में इस मुद्दे पर एक श्वेत पत्र जारी किया था। इसकी एक प्रति गोयल को भी भेजी गई थी। संगठन अब सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र के साथ श्वेत पत्र (व्हाइट पेपर) भी भेज रहा है।
सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने जोमैटो के स्वामित्व वाले ब्लिंकइट, इंस्टामार्ट (स्विगी) और जेप्टो जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के जरिये मिलने वाले धन का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि ये कंपनियां आपूर्तिकर्ताओं को नियंत्रित करती हैं, इन्वेंट्री पर दबदबा रखती हैं और मनमाने ढंग से उत्पादों की कीमतें तय करती हैं। उनका मुख्य उद्देश्य पड़ोस की छोटी-छोटी किराना दुकानों को खत्म करना और उनके ग्राहकों पर कब्जा जमाना है। कैट का आरोप है कि ये कंपनियां भी रिटेल क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए क्विक कॉमर्स का इस्तेमाल कर रही हैं।