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Q2 Results Analysis: कंपनियों की आय में नरमी, मुनाफा वृद्धि में आई तेज गिरावट

बैंक, वित्त, बीमा और स्टॉक ब्रोकिंग (BFSI) को छोड़ दें तो 168 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा FY24Q2 में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 18.6 फीसदी बढ़कर 50,200 करोड़ रुपये रहा

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कृष्ण कांत   
Last Updated- October 22, 2023 | 11:00 PM IST

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए जिन कंपनियों ने अभी तक अपने नतीजे घोषित किए हैं उनका कुल शुद्ध मुनाफा लगातार तीसरी बार बढ़ा है मगर पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में आय और मुनाफा वृद्धि में तेज गिरावट के संकेत हैं। विनिर्माण और गैर-वित्तीय क्षेत्रों की आय और मुनाफे में कहीं ज्यादा नरमी आई है। बैंक एवं वित्तीय कंपनियां इस दौरान अपनी सकल ब्याज आय वृद्धि को दो अंक में कायम रखने में सफल रही हैं। हालांकि पिछली तिमाही की तुलना में इसमें थोड़ी कमी आई है।

नतीजे जारी करने वाली 213 कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 21.8 फीसदी बढ़कर 96,348.5 करोड़ रुपये रहा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इन कंपनियों का कुल लाभ 23.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 9.4 फीसदी बढ़ा था।

हमारे विश्लेषण में एचडीएफसी के ऐतिहासिक एकल तिमाही आंकड़ों को शामिल किया गया है। एचडीएफसी का इस साल जुलाई में एचडीएफसी बैंक के साथ विलय हो गया है। नतीजे जारी करने वाली कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 13.6 फीसदी बढ़कर 6.13 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछली 11 तिमाही में सबसे धीमी वृद्धि है। यह लागतार 5वीं तिमाही है जब आय वृद्धि में गिरावट आई है। इससे संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था में कुल मांग कमजोर बनी हुई है।

सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में शोध एवं इक्विटी स्ट्रैटजी के प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग का माहौल कमजोर बना हुआ है और सभी क्षेत्र की कंपनियों को अपनी बिक्री और आय बढ़ाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उपभोक्ता क्षेत्र की कंपनियों में मांग सबसे कम है जबकि सरकारी खर्च ज्यादा होने से निर्माण संबंधित क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है। लेकिन इसका असर भी सीमति होगा क्योंकि सरकार का पूंजीगत व्यय देश के सकल घरेलू उत्पाद का 8 फीसदी ही है।’

कंपनियों के मुनाफे और आय में जो वृद्धि दिख रही है वह मुख्य रूप से बैंकों और बजाज फाइनैंस जैसे गैर-बैंक ऋणदाताओं की वजह है। गैर-वित्तीय कंपनियां जैसे कि आईटी सेवाएं एवं एफएमसीजी की शुद्ध बिक्री वृद्धि निचले एक अंक में रही है।

बैंक, वित्त, बीमा और स्टॉक ब्रोकिंग (बीएफएसआई) को छोड़ दें तो 168 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 18.6 फीसदी बढ़कर 50,200 करोड़ रुपये रही, जो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 49,100 करोड़ रुपये से मामूली ज्यादा है मगर पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 52,673 करोड़ रुपये से कम है। इसकी तुलना में इन कंपनियों की कुल आय सालाना आधार पर 13.7 फीसदी बढ़ी है।

अभी तक जितनी कंपनियों के नतीजे आए हैं उनमें बीएफएसआई और आईटी क्षेत्र की कंपनियों का वर्चस्व है और हमारे नमूने में शामिल कंपनियों के कुल शुद्ध मुनाफे में इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी क्रमश: 48 फीसदी और 29 फीसदी है। बीएफएसआई कंपनियों के मुनाफे में दो अंक में वृद्धि बनी हुई है जबकि आईटी क्षेत्र के मुनाफे और आय वृद्धि में तेज गिरावट आई है। हमारे नमूने में शामिल आईटी कंपनियों की शुद्ध आय वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में महज 6.7 फीसदी बढ़ी है जो पिछली 11 तिमाही में सबसे कम वृद्धि है।

First Published : October 22, 2023 | 10:51 PM IST