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Q1FY25 results: कंपनियों के मुनाफे में नरमी के संकेत, पहली तिमाही के नतीजे निराशाजनक

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमा​ही के लिए नतीजे जारी करने वाली 210 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 4.2 फीसदी कम रहा।

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कृष्ण कांत   
Last Updated- July 21, 2024 | 10:21 PM IST

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अभी तक कंपनियों के जो नतीजे आए हैं उनसे कंपनियों की आय और मुनाफे में नरमी का संकेत मिलता है। आंकड़ों से पता चलता है कि आय वृद्धि घटने और वित्त वर्ष 2024 में मिलने वाला जिंसों एवं ईंधन की कम कीमतों का लाभ खत्म होने से मुनाफे पर दबाव दिख रहा है।

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमा​ही के लिए नतीजे जारी करने वाली 210 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से 4.2 फीसदी कम रहा। यह पिछली सात तिमाही का सबसे खराब प्रदर्शन है। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 45.1 फीसदी बढ़ा था और इसी वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 88,723 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही के 97,768 करोड़ रुपये से 9.3 फीसदी कम है। वित्तीय क्षेत्र से इतर कंपनियों का प्रदर्शन और भी खराब रहा।

बैंक, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों को हटा दें तो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 160 फर्मों का कुल शुद्ध मुनाफा 10.2 फीसदी घटकर 57,599 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 64,109 करोड़ रुपये था।

इसकी तुलना में बीएफएसआई और तेल एव गैस क्षेत्र की 158 कंपनियों का शुद्ध मुनाफा 5.6 फीसदी बढ़कर 39,516 करोड़ रुपये रहा। तेल गैस कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज का भी आंकड़ा शामिल है जिसका शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.5 फीसदी घटा है।

तिमाही आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि बीएफएसआई कंपनियों की अगुआई में कुल आय वृद्धि में कमी आई है जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों की आय बढ़ी है।

वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में नतीजे जारी करने वाली कंपनियों की कुल शुद्ध आय इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 8.2 फीसदी बढ़ी है, जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही की 6.4 फीसदी वृ​द्धि से ज्यादा है। मगर वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही की 8.6 फीसदी वृद्धि से कम है।

हमारे नमूने में शामिल 50 बीएफएसआई कंपनियों की सकल ब्याज आय ​वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 14.8 फीसदी बढ़कर 1.69 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछली आठ तिमाही में सबसे कम वृद्धि है।

नमूने में शामिल 50 बीएफएसआई कंपनियों की सकल ब्याज आय वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 18.1 फीसदी और वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 31.9 फीसदी बढ़ी थी।

नमूने में शामिल 19 आईटी कंपनियों की कुल शुद्ध आय वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 4.3 फीसदी बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये रही, जो तीन तिमाही में सबसे तेज वृद्धि है।

नमूने में शामिल गैर-बीएफएसआई कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री या आय ​त्ति वर्ष 2025 में 6.6 फीसदी बढ़ी जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 6.5 फीसदी और पहली तिमाही में 1.9 फीसदी बढ़ी थी। गैर-बीएफएसआई और तेल एवं गैस कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 5.7 फीसदी बढ़ी, जो 14 तिमाही में सबसे तेज वृद्धि है।

विश्लेषकों ने कहा कि अभी तक नतीजे हमारे अनुमान के अनुरूप ही रहे हैं मगर इससे वित्त वर्ष 2025 में कंपनियों की कमाई का अनुमान घट सकता है। सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल एक्विटी में रिसर्च एवं इ​क्विटी स्ट्रैटजी के सह-प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘बाजार वित्त वर्ष 2025 में कंपनियों की कमाई 16 फीसदी बढ़ने की उम्मीद कर रहा था। लेकिन अभी तक जारी नतीजों से संकेत मिलता है कि कंपनियों के मुनाफे में कमी आएगी। इससे वित्त वर्ष 2025 के लिए आय अनुमान में कमी की जा सकती है जिससे शेयर का मूल्यांकन और महंगा हो सकता है।’

कंपनियों के मार्जिन में कमी मुख्य रूप से मार्जिन में गिरावट की वजह से आई है। वत्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में नमूने में शामिल कंपनियों का एबिटा या परिचालन मार्जिन 70 आधार अंक घटकर 27.6 फीसदी रहा, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 28.3 फीसदी था।

इसी तरह गैर-बीएफएसआई कंपनियों का एबिटा मार्जिन वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 200 आधार अंक घटकर 17.3 फसदी रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 19.3 फीसदी था। कच्चे माल की लागत बढ़ने से भी मार्जिन पर असर पड़ा है।

First Published : July 21, 2024 | 10:21 PM IST