Q1 Results review: भारतीय उद्योग जगत की आय के लिहाज से वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआती रफ्तार सुस्त रही। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान भारतीय उद्योग जगत के शुद्ध मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई जबकि आय में महज एक अंक में वृद्धि हुई। अब तक तिमाही नतीजे जारी कर चुकीं 488 कंपनियों का एकीकृत शुद्ध लाभ जून 2024 तिमाही के दौरान एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 1.6 फीसदी कम रहा। यह पिछली सात तिमाहियों में सबसे खराब प्रदर्शन है।
एक तिमाही पहले यानी मार्च 2024 तिमाही (वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही) में इन कंपनियों के एकीकृत शुद्ध लाभ में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 13.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में करीब 65 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 2.65 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में हासिल 2.93 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड तिमाही शुद्ध लाभ के मुकाबले 9.5 फीसदी कम है। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में इन कंपनियों का एकीकृत शुद्ध लाभ 2.69 लाख करोड़ रुपये रहा था।
कंपनियों के नतीजों से अर्थव्यवस्था में मांग की रफ्तार लगातार सुस्त पड़ने का संकेत मिलता है। इन कंपनियों की एकीकृत शुद्ध बिक्री (बैंकों और गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं के मामले में सकल ब्याज आय) में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 8.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में हुई 9.1 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले कमजोर है, मगर वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 7 फीसदी की वृद्धि के मुकाबले बेहतर है।
नमूने में शामिल कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 25.57 लाख करोड़ रुपये हो गई जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 26.12 लाख करोड़ रुपये से कम और वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 23.5 लाख करोड़ रुपये से बेहतर है।
शुक्रवार के बंद भाव के अनुसार, नमूने में शामिल 488 कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण 267.3 लाख करोड़ रुपये है जो बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण का करीब 58.5 फीसदी हिस्सा है।
नमूने में शामिल 488 कंपनियों की 23 सूचीबद्ध सहायक कंपनियां भी नतीजे जारी कर चुकी हैं। अगर इन्हें भी शामिल कर लिया जाए तो नमूने में शामिल कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण का करीब 61 फीसदी है। नमूने में निफ्टी 50 सूचकांक की 50 में से 39 कंपनियां शामिल हैं।
पिछली तिमाहियों की ही तरह वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भी कॉरपोरेट आय को मुख्य तौर पर बीएफएसआई (बैंक, वित्तीय सेवा एवं बीमा) और वाहन क्षेत्रों से रफ्तार मिली। मगर तेल एवं गैस कंपनियों और खनन एवं धातु कंपनियों ने एकीकृत आय को कमजोर किया। हालांकि तिमाही के दौरान बीएफएसआई और वाहन क्षेत्रों के वृद्धिशील योगदान में गिरावट आई और इनके राजस्व एवं मुनाफे की रफ्तार सुस्त पड़ गई।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘वैश्विक कमोडिटीज में भारी गिरावट के कारण समग्र प्रदर्शन प्रभावित हुआ। धातु और तेल एवं गैस को छोड़कर निफ्टी और मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में शामिल कंपनियों की आय वृद्धि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर रही। इसे मुख्य तौर पर बीएफएसआई और वाहन जैसे क्षेत्र से बढ़ावा मिला। धातु और तेल एवं गैस के साथ-साथ सीमेंट और विशेष रसायन जैसे क्षेत्रों की आय में भी कमी आई।’
बीएफएसआई को छोड़कर नमूने में शामिल 397 कंपनियों का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 9.4 फीसदी घटकर 1.57 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 1.73 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 1.79 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह सितंबर 2022 तिमाही के बाद इन कंपनियों का सबसे कमजोर प्रदर्शन है। इन कंपनियों की एकीकृत शुद्ध बिक्री चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 6.1 फीसदी बढ़कर 19.46 लाख करोड़ रुपये हो गई जो पिछली पांच तिमाहियों की सबसे तेज रफ्तार है।
नमूने में शामिल 91 बीएफएसआई कंपनियों के एकीकृत शुद्ध लाभ में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 12.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। यह पिछली 17 तिमाहियों की सबसे सुस्त रफ्तार है। इस दौरान बीएफएसआई कंपनियों ने 1.08 लाख करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ दर्ज किया जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 0.96 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 1.14 लाख करोड़ रुपये रहा था। बीएफएसआई कंपनियों की एकीकृत शुद्ध बिक्री में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान 18.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।