प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी एचसीएलटेक का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 9.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,843 करोड़ रुपये पर आ गया। कंपनी ने सोमवार को अप्रैल जून, 2025 तिमाही के वित्तीय नतीजों की सूचना शेयर बाजारों को दी। एचसीएलटेक ने एक साल पहले की समान अवधि में 4,257 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। इसके साथ ही कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व वृद्धि की दर तीन-पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
वित्त वर्ष 2025-26 की जून तिमाही में कंपनी का परिचालन राजस्व 8.1 प्रतिशत बढ़कर 30,349 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह 28,057 करोड़ रुपये था। तिमाही आधार पर देखा जाए तो एचसीएल टेक के लाभ में 10.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि इसके राजस्व में 0.3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई। एचसीएल टेक के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक सीवी जयकुमार ने कहा, ‘हमारे सेवा व्यवसाय खंड के अच्छे प्रदर्शन और स्थिर मुद्रा में 4.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ हमारी राजस्व वृद्धि दर सालाना आधार पर 3.7 प्रतिशत रही। हमारा परिचालन मार्जिन 16.3 प्रतिशत रहा, जो कम उपयोग और अतिरिक्त जेनरेटिव एआई और जीटीएम निवेश से प्रभावित रहा।’
उन्होंने कहा कि कंपनी के एआई प्रस्ताव ग्राहकों को पसंद आ रहे हैं और ओपनएआई के साथ साझेदारी से इसका आकर्षण और बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘तिमाही के दौरान मांग का माहौल स्थिर रहने के कारण हमारे ऑर्डर लगातार बढ़ रहे हैं।’’ इस बीच, कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दो रुपये के प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 12 रुपये का अंतरिम लाभांश घोषित किया है।
टाटा टेक्नॉलजीज लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) का एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर पांच प्रतिशत बढ़कर 170.28 करोड़ रुपये रहा है। टाटा टेक्नॉलजीज लिमिटेड (टीटीएल) ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 162.03 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का परिचालन राजस्व 1,244.29 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 1,268.97 करोड़ रुपये था। वैश्विक उत्पाद इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवा कंपनी ने कहा कि उसका कुल खर्च सालाना आधार पर 1,072.33 करोड़ रुपये से मामूली बढ़कर 1,080.11 करोड़ रुपये हो गया। टीटीएल के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक वॉरेन हैरिस ने कहा, ‘तिमाही की शुरुआत सतर्कता के साथ हुई, लेकिन आगे चलकर ग्राहकों का भरोसा लगातार मजबूत होता गया, जिससे उत्पाद नवाचार और डिजिटल बदलाव के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं की पुष्टि हुई।’
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने 30 जून को समाप्त तिमाही में और ज्यादा शुद्ध घाटा दर्ज किया, क्योंकि इलेक्ट्रिक स्कूटर विनिर्माता कंपनी को राजस्व में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा। कंपनी ने 428 करोड़ रुपये का समेकित घाटा दर्ज किया, जो एक साल पहले की इसी अवधि में दर्ज 347 करोड़ रुपये की तुलना में 23 प्रतिशत है। परिचालन से राजस्व लगभग 50 प्रतिशत घटकर 828 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले 1,644 करोड़ रुपये था। बिक्री में तेज गिरावट की कुछ भरपाई लागत में कटौती के उपायों से हुई, जिससे कुल खर्च पिछले साल के मुकाबले 42 प्रतिशत घटकर 1,065 करोड़ रुपये रह गया।
ये नतीजे भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के सामने आ रही चुनौतियों को उजागर करते हैं क्योंकि यह नरम होती मांग और बढ़ती प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है, जबकि कंपनियां उत्पादन बढ़ाने और बाज़ार में हिस्सेदारी हासिल करने पर जोर दे रही हैं। बजाज ऑटो और टीवीएस जैसी पहले से मौजूद कंपनियों की तरफ से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच ओला की बाजार हिस्सेदारी घट रही है। हालांकि सालाना आधार पर घाटा बढ़ा है, लेकिन तिमाही आधार पर कंपनी का शुद्ध घाटा 50 प्रतिशत से ज्यादा कम हुआ है।