प्रोसस के निवेश वाली फिनटेक फर्म पेयू इंडिया का चालू वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में राजस्व 20 फीसदी बढ़कर 39.7 करोड़ डॉलर हो गया। इस वृद्धि को उच्च मार्जिन मूल्य वर्धित सेवाओं (वीएएस) और सॉफ्टवेयर-ऐज-अ सर्विस (एसएएएस) के कारण भुगतान व्यवसाय में बढ़ोतरी से बल मिला है। एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में कंपनी ने कुल मिलाकर 33.2 करोड़ डॉलर का राजस्व दर्ज किया। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में उसका भुगतान राजस्व 23.7 करोड़ डॉलर से 27 फीसदी बढ़कर 30.1 करोड़ डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 8.2 करोड़ डॉलर के मुकाबले ऋण व्यवसाय 17 फीसदी बढ़कर 9.6 करोड़ डॉलर हो गया।
डच प्रौद्योगिकी निवेशक प्रोसस ने अपनी छमाही फाइलिंग में कहा कि पेयू इंडिया अपने ग्राहक आधार के बल पर लाभदायक वृद्धि पर ध्यान दे रही है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘यह फोकस उसके एएबिटा मार्जिन में पर्याप्त सुधार से स्पष्ट है, जो बीते वित्त वर्ष की पहली छमाही में -6 फीसदी से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 6 फीसदी बढ़कर ब्रेकईवन तक पहुंच गया और वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही लाभदायक रही।’
ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले समायोजित आय को एएबिटा कहते हैं। यह पैमाना किसी कंपनी के परिचालन प्रदर्शन को उसके एबिटा पर विचार करते हुए मापता है और किसी भी एकमुश्त या समायोजित गैर-परिचालन मद को हटा देता है। प्रोसस ने कहा, ‘उच्च-मार्जिन सेवाओं पर अधिक ध्यान और अनुशासित लागत प्रबंधन ने भुगतान लाभप्रदता में महत्त्वपूर्ण मोड़ दिया, जिससे पहली छमाही में 20 लाख डॉलर का एएबिटा हासिल हुआ।’