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Reliance ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ट्रेडमार्क की दौड़ में सबसे आगे; एक ही दिन में फाइल हुए 4 अप्लीकेशन

Operation Sindoor Trademark: रिलायंस के अलावा तीन और आवेदन आए, जो सभी नाइस क्लासिफिकेशन की कैटेगरी 41 के अंतर्गत हैं।

Last Updated- May 08, 2025 | 1:42 PM IST
Mukesh Ambani
ऑपरेशन सिंदूर के ऐलान के कुछ ही घंटों बाद मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने इस नाम पर ट्रेडमार्क के लिए सबसे पहले आवेदन किया। (File Image: Reuters)

Operation Sindoor Trademark: भारत की ओर से पाकिस्तान और पाकिस्तन के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के ऐलान के कुछ ही घंटों बाद मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने इस नाम पर ट्रेडमार्क के लिए सबसे पहले आवेदन फाइल किया। बार एंड बेंच (Bar and Bench) ने यह जानकारी दी है।

इसके अलावा तीन और आवेदन आए, जो सभी नाइस क्लासिफिकेशन की कैटेगरी 41 के अंतर्गत थे, जो मीडिया, सांस्कृतिक, शैक्षिक और मनोरंजन सर्विसेज से संबंधित है।

ट्रेडमार्क की होड़: एक ही दिन में चार आवेदन

7 मई को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे के बीच ‘Operation Sindoor’ नाम के लिए चार अलग-अलग ट्रेडमार्क आवेदन दाखिल किए गए। रिलायंस के अलावा, आवेदन करने वालों में मुंबई के निवासी मुकेश चेतराम अग्रवाल, भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबेरॉय और दिल्ली के वकील आलोक कोठारी हैं।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सभी चारों आवेदनों में इस नाम को “प्रपोज्ड टू बी यूज्ड” बताया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भविष्य में इसका कम​र्​शियल इस्तेमाल हो सकता है।

Trademark Class 41: क्या-क्या है शामिल

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ट्रेडमार्क के लिए ये चारों नाइस क्लासिफिकेशन की कैटेगरी 41 (Class 41) के अंतर्गत किए गए हैं, जिसमें 5 प्रमुख सर्विसेज आती हैं।

  • शैक्षणिक और प्रशिक्षण सेवाएं
    फिल्म और मीडिया निर्माण
    लाइव प्रदर्शन और कार्यक्रम
    डिजिटल कंटेंट और प्रकाशन
    सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां

यह क्लास आमतौर पर OTT प्लेटफॉर्म्स, प्रोडक्शन हाउस, ब्रॉडकास्टर्स और इवेंट ऑर्गनाइजर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि ‘Operation Sindoor’ को भविष्य में किसी फिल्म, वेब सीरीज या डॉक्युमेंट्री के नाम के रूप में देखा जा सकता है।

ये भी पढ़ें… भारत के साथ तनाव से चौपट हो सकती है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, मूडीज की चेतावनी- ऐसे में नहीं मिलेगी विदेशी फंडिंग

Reliance का मीडिया सेक्टर में दखल

रिलायंस इंडस्ट्रीज का मीडिया क्षेत्र में बड़ा निवेश है। इसके अंतर्गत Reliance Entertainment, MediaWorks, Big Synergy, और Reliance Animation शामिल हैं। इसके अलावा, रिलायंस की Viacom18 (Disney Star के साथ मर्ज), Network18, Amblin Partners, Balaji Telefilms (24.9%) हिस्सेदारी और Eros International में (5%) हिस्सेदारी है।

सैन्य ऑपरेशंस के नामों को नहीं है ऑटोमेटिक प्रोटेक्शन

रिपोर्ट के मुताकि, भारत में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे सैन्य अभियानों के नामों को सरकार की ओर से ऑटोमैटिक इंटले​क्चुअल प्रॉपर्टी राइट (IPR) नहीं मिलता। रक्षा मंत्रालय आमतौर पर इन नामों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता और न ही इन्हें आईपी के रूप में सुरक्षित करता है। ऐसे में, कोई भी व्यक्ति या कंपनी इन्हें ट्रेडमार्क के रूप में दावा कर सकती है।

हालांकि ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए शर्तें हैं, लेकिन ट्रेड मार्क्स अधिनियम, 1999 के अंतर्गत रजिस्ट्रार कुछ मामलों में आवेदन अस्वीकार कर सकता है। अ​धिनियम की धारा 9(2) और धारा 11 के तहत अगर कोई ट्रेडमार्क भ्रामक है, सरकारी संबंध का झूठा संकेत देता है, या सार्वजनिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है तो उसे अस्वीकृत किया जा सकता है। हालांकि, जब तक सरकार या किसी प्रभावित पक्ष की ओर से आपत्ति नहीं आती, तब तक ऐसा कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं होता।

पहले आवेदन का मतलब नहीं कि मिल जाएगा राइट

भारतीय ट्रेडमार्क कानून के मुताबिक, पहले आवेदनकर्ता को ऑटोमैटिक राइट नहीं मिलते हैं। रजिस्ट्रार आवेदन की जांच में कुछ बातों पर ध्यान देता है, जिनमें ब्रांड का वास्तविक उपयोग करने की मंशा, पहले से मौजूद ब्रांड्स से भ्रम की संभावना, नाम की अलग पहचान और ताकत, और विरोध की स्थिति में सबूत और दावे शामिल हैं।

अगर एक जैसे या मिलते-जुलते नामों के लिए कई आवेदन एक साथ आते हैं, तो रजिस्ट्रार उनकी जांच या प्रकाशन रोक सकता है और विरोध प्रक्रिया (opposition proceedings) शुरू कर सकता है। कुछ मामलों में, आपसी सहमति से coexistence agreement भी किया जा सकता है।

भारत में ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की सामान्य प्रक्रिया

  • आवेदन जमा करना
    ट्रेड मार्क्स रजिस्ट्री द्वारा जांच
    ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशन (4 महीने की आपत्ति अवधि के लिए)
    आपत्ति की स्थिति में सुनवाई और प्रक्रिया
    आपत्ति न होने या उसे पार करने के बाद अंतिम पंजीकरण

First Published - May 8, 2025 | 1:42 PM IST

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