सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) वर्ष 2013 तक 2.5 करोड़ स्टैंडर्ड घन मीटर प्रतिदिन गैस उत्पादन करने के लिए पूर्वी अपतटीय कृष्णा गोदावरी बेसिन ब्लॉकों में गैस की खोज पर लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
कंपनी के एक अधिकारी ने कहा-हाइड्रोकार्बन्स महानिदेशालय ने गहरे समुद्री ब्लॉक केजी-डीडब्ल्यूएन 98-2 में गैस खोज योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। हमारी योजना छह कुओं की खुदाई करने की है। उक्त ब्लॉक रिलायंस इंडस्ट्रीज के डी6 ब्लॉक के निकट हैं।
ओएनजीसी ने प्राकृतिक गैस के अलावा फील्ड से प्रतिदिन 8,000 बैरल तेल का उत्पादन करने की भी योजना बनाई है। उधर, सरकारी क्षेत्र की गैस कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड भी पूरे देश में सीएनजी वितरण नेटवर्क खड़ा करने के लिए अगले 3-4 वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
कंपनी के अध्यक्ष यूडी चौबे ने कहा-हमने सीएनजी के खुदरा कारोबार के लिए 230 शहरों की पहचान की है। इन शहरों में वाहनों के लिए सीएनजी पंप और घरों में पाइपों से रसोई गैस वितरण की योजना है।
शहरों में गैस के खुदरा कारोबार की पहली कंपनी गेल के पास व्यापक अनुभव और आधुनिकी प्रौद्योगिकी है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड की ओर से शहरों में गैस वितरण के लाइसेंस की बोलियां शुरू होने पर कंपनी इस शक्ति की बदौलत ज्यादातर शहरों के लाइसेंस हासिल कर सकती है।
नियामक ने फिलहाल छह शहरों मेरठ एवं मथुरा, काकीनाडा (आंध्र प्रदेश), सोनीपत (हरियाणा) और देवास तथा कोटा (मध्य प्रदेश) में सिटी गैस कारोबार की अनुमति देने का निर्णय किया है। उम्मीद है कि गेल इनमें बोलियां लगा सकती है।
‘पेट्रोल-डीजल के दाम पर न लगे लगाम’
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सरकार से खुदरा ईंधन मूल्यों को प्रशासनिक नियंत्रण से मुक्त करने की मांग करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम करने के संबंध में केवल मौद्रिक उपायों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आरआईएल के अध्यक्ष (रिफाइनरी) पी. राघवन ने कहा- कीमतों पर सरकारी नियंत्रण हटाना महज बयान देने के मुकाबले काफी महत्वपूर्ण है।