तेल-गैस

GST बढ़ोतरी से बढ़ी लागत की भरपाई के लिए सरकार तेल कंपनियों के लिए बना रही है योजना

जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर को तेल व गैस क्षेत्र की अन्वेषण व उत्पादन क्षेत्र की सेवाओं व वस्तुओं पर आईटीसी के साथ शुल्क 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया था

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शुभांगी माथुर   
Last Updated- September 18, 2025 | 10:22 PM IST

सरकार तेल उत्खनन और उत्पादन सेवाओं पर हालिया जीएसटी वृद्धि के कारण बढ़ी लागत की भरपाई के लिए योजना पर कार्य कर रही है। एक अधिकारी ने बताया, ‘हम तेल खनन कंपनियों को मुआवजा देने के लिए व्यय पक्ष की योजना पर विचार कर रहे हैं। यह योजना फंसे हुए करों पर भी ध्यान देगी। उच्च जीएसटी के कारण कंपनियों का मार्जिन कम हो गया है। यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के समक्ष भेजा जाएगा।’जीएसटी के दायरे से तेल और प्राकृतिक गैस बाहर है। लेकिन सेवाओँ जैसे खनन पर ज्यादा जीएसटी लगने से तेल व गैस के अन्वेषण, विकास और उत्पादन की लागत बढ़ सकती है। इन उत्पादों की ऑफसेट उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में फंसे हुए कर की स्थिति पैदा हो सकती है।

इस योजना के सिलसिले में तेल मंत्रालय को ईमेल भेजा गया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर को तेल व गैस क्षेत्र की अन्वेषण व उत्पादन क्षेत्र की सेवाओं व वस्तुओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ शुल्क 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया था। अन्वेषण व उत्पादन क्षेत्र सेवाओँ पर उच्च जीएसटी मुख्य रूप से तेल उत्खनन कंपनियों के लिए रिग्स की खरीद में सहायता के लिए किया गया है। तेल व गैस अन्वेषण के लिए रिग्स महत्त्वपूर्ण होते हैं। अधिकारी ने बताया कि वैकल्पिक योजना तेल कंपनियों के लिए प्रोत्साहन की विशेष योजना के रूप में शुरू हो सकती है।

ईएंडपी सेवाओं पर उच्च जीएसटी मुख्य रूप से अपस्ट्रीम कंपनियों के लिए रिग की खरीद में सहायता के लिए लागू किया गया है – जो तेल और गैस अन्वेषण के लिए आवश्यक है।

First Published : September 18, 2025 | 10:22 PM IST