भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के “मेरा बूथ सबसे मजबूत” अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘तीन तलाक’ की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया और पूछा कि मिस्र, इंडोनेशिया, कतर, जॉर्डन, सीरिया, बांग्लादेश और पाकिस्तान, जैसे मुस्लिम बहुल देशों में इसको प्रैक्टिस क्यों नहीं किया जाता है। इसे एनडीटीवी ने रिपोर्ट किया।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के आइडिया का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक परिवार के अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते और देश में दो कानून नहीं हो सकते। मिस्र जहां 90 प्रतिशत से ज्यादा सुन्नी मुसलमानों रहते हैं, उन्होंने लगभग 80-90 सालों में तीन तलाक को समाप्त कर दिया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन तलाक का समर्थन करने वाले लोग वोट बैंक के लिए ऐसा कर रहे हैं और उन्हें मुस्लिम बेटियों के साथ हो रहे अन्याय की परवाह नहीं है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट में पीएम मोदी के हवाले से कहा गया, ”कुछ लोग मुस्लिम बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटकाना चाहते हैं ताकि उन्हें उन पर अत्याचार करने की खुली छूट मिल सके।”
यूसीसी के विरोधियों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को यह समझने की जरूरत है कि कौन से राजनीतिक दल अपने फायदे के लिए उन्हें भड़का रहे हैं और बर्बाद कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि संविधान भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की बात करता है।
बीजेपी पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाने वाले विपक्ष पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर अन्य पार्टियों ने मुसलमानों की परवाह की होती, तो समुदाय के परिवार बेहतर शिक्षित होते, रोजगार के बेहतर अवसर मिलते।
समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code) क्या है?
सीधे शब्दों में कहें तो यूसीसी किसी देश के सभी नागरिकों के लिए लागू होने वाला समान कानून है। कहने का मतलब है कि पूरे देश में हर धर्म और संप्रदाय के लिए एक ही कानून होगा जो सब पर लागू होगा। इस कानून के तहत विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार से संबंधित व्यक्तिगत कानून भी शामिल हैं। भाजपा शासित उत्तराखंड अपने कॉमन कोड के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया में है।
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि समान नागरिक संहिता भारत के संविधान की राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों (Directive Principles of State Policy) का एक हिस्सा है और विपक्षी दल अपने वोट बैंक के लिए इसको बेवजह तूल दे रहे हैं।