केंद्र सरकार द्वारा दूरसंचार क्षेत्र के लिए राहत पैकेज की घोषणा के तत्काल बाद भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने ‘सलाह’ दी कि कारोबार में बने रहने के लिए वोडाफोन आइडिया को पूंजी निवेश करना चाहिए। मित्तल ने वोडाफोन समूह के मुख्य कार्याधिकारी निक रीड से बात की और उन्हें कंपनी में और पूंजी निवेश करने के लिए कहा। वोडाफोन आइडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए मित्तल ने कहा, ‘उन्हें कंपनी में अपने पैसे लगाने की जरूरत है।’
भारती एयरटेल के चेयरमैन ने प्रतिस्पर्धी कंपनी रिलायंस जियो के मुकेश अंबानी से भी बात की। दोनों दूरसंचार दिग्गजों ने इस क्षेत्र में तीन से चार दूरसंचार कंपनियों के बीच सामंजस्य की जरूरत पर चर्चा की। मित्तल ने कहा कि भारती एयरटेल मॉरेटोरियम का लाभ उठाएगी और नकदी प्रवाह को नेटवर्क के विस्तार पर खर्च करेगी। सरकार ने समायोजित सकल राजस्व और बकाया भुगतान में दूरसंचार कंपनियों को चार साल की मोहलत दी है। इसमें 1 अक्टूबर, 2021 से मॉरेटोरियम लेने का विकल्प मिलेगा। इस सुविधा का लाभ उठाने वाली कंपनी को कोष की सीमांत लागत आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) से 2 फीसदी अधिक दर पर संबंधित रकम का ब्याज चुकाना होगा। एमसीएलआर न्यूनतम उधारी दर होती है और बैंक को इससे कम दर पर कर्ज देने की अनुमति नहीं होती है। सालाना बकाया भुगतान में चार साल की मोहलत को शुद्घ वर्तमान मूल्य (एनपीवी) के जरिये सुरक्षित किया जाएगा।
अतीत में नीलामी के दौरान खरीदे गए स्पेक्ट्रम (2021 की नीलामी को छोड़कर) के भुगतान को भी चार साल के लिए टाला गया है लेकिन संबंधित राशि पर ब्याज वसूला जाएगा। कंपनियों को मॉरेटोरियम अवधि के बाद आवश्यक राशि का भुगतान करना होगा। ऐसा नहीं करने पर सरकार टाली गई भुगतान को इक्विटी में बदल सकती है। इसे वित्त मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
मित्तल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों से इस क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा और सभी कंपनियों के लिए एक साथ काम करने का रास्ता साफ होगा।