बीएस बातचीत
श्रीराम ग्रुप का पुनर्गठन तेज होने से श्रीराम सिटी यूनियन फाइनैंस (एससीयूएफ) को विलय से वित्त वर्ष 2023 में ऋण वितरण में 10 प्रतिशत की तेजी को बढ़ावा मिलने की संभावना है। एससीयूएफ के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी वाई एस चक्रवर्ती ने इस विलय, समेकन योजनाओं, तकनीकी उन्नयन के बारे में शाइन जैकब को विस्तार से बताया। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस कंपनी (एसटीएफ) के साथ श्रीराम कैपिटल और एससीयूएफ के विलय की स्थिति क्या है?
निर्धारित तारीख अप्रैल 2022 होगी और हम सितंबर/अक्टूबर 2022 तक कानूनी तौर पर विलय के लिए सक्षम हैं। हमने इस विलय की मंजूरी के लिए बाजार नियामक सेबी के समक्ष आवेदन किया है। साथ ही, हम भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भी मंजूरी लेेंगे। हमें राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय पंचाट (एनसीएलएटी) की मंजूरी लेने, शेयरधारक बैठक बुलाने और अल्पांश शेयरधारकों की बड़ी संख्या में मंजूरी हासिल करने की भी जरूरत होगी। यह कानूनी प्रक्रिया है।
प्रदर्शन के संदर्भ में आप विलय से गठित इकाई के लिए कैसा परिदृश्य देख रहे हैं? क्या आप वर्ष 2021-22 के लिए लक्ष्य में संशोधन कर रहे हैं?
फिलहाल, दोनों कंपनियों के अपने स्वयं के लक्ष्य हैं। हम ऋण वितरण में 10 प्रतिशत की वृद्घि देख रहे हैं। पहले साल में यह चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। पहले वित्त वर्ष के दौरान हम ज्यादा आक्रामक वृद्घि की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। कानूनी विलय में समय लगता है और आधा वर्ष बीत चुका है। हम आधिकारिक तौर पर कार्य करने और सभी शाखाओं में उत्पाद पेश करने में सक्षम होंगे। चालू वित्त वर्ष के लिए पहली तिमाही महामारी की दूसरी लहर की वजह से निराशाजनक थी। तीसरी लहर में हमने तेजी दर्ज की। हम अपने अनुमानों की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं और एयूएम में करीब 13 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज करेंगे।
कार्य का समेकन और शाखाओं को तर्कसंगत बनाने का कार्य कैसे किया जाएगा?
तर्कसंगत बनाने का काम लोगों के संदर्भ में नहीं होने जा रहा है। हमें और अधिक लोगों की जरूरत हो सकती है। बैक ऑफिस में कुछ बदलाव की जरूरत हो सकती है, लेकिन उन लोगों का इस्तेमाल श्रीराम गु्रप की अन्य इकाइयों में किया जाएगा। शाखाओं के संदर्भ में हमारे पास करीब ऐसी 40 शाखाएं हैं जिनमें बदलाव किए जाएंगे। चूंकि हम समान टेक प्लेटफॉर्म पर हैं, इसलिए समेकन में मुश्किल से दो-चार सप्ताह ही लगेंगे। हम लोन अगेन्स्ट प्रॉपर्टी, सप्लाई-चेन फाइनैंसिंग और को-लेंडिंग जैसी नई योजनाएं पेश करेंगे और कुछ योजनाओं का परीक्षण अप्रैल तक शुरू कर देंगे।
क्या श्रीराम वन नाम से सुपर एप्लीकेशन इस समेकन प्रक्रिया का हिस्सा होगा?
सुपर ऐप का कार्य चल रहा है और टीम इसकी सफलता के लिए सभी प्रयास कर रही है। दोनों इकाइयों के अलग अलग ऐप हैं। कानूनी तारीख के बाद हम इन दोनों को समेकित करेंगे। हरेक तिमाही में नए ऐप जोडऩे का प्रयास किया जाएगा। सभी उधारी संबंधित योजनाएं इस साल नवंबर-दिसंबर तक उपलब्ध होंगी।
अब ऋण वितरण का रुझान कैसा है?
मांग निश्चित तौर पर सुधर रही है। हम स्वर्ण ऋण वितरण के संदर्भ में बढ़े हैं। दूसरी तिमाही में यह 1,482 करोड़ रुपये के आसपास थी। तीसरी तिमाही में 1,676 करोड़ रुपये पर था। लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) ने तिमाही आधार पर 1,825 करोड़ रुपये से मामूली वृद्घि के साथ 1,980 करोड़ रुपये तक का बदलाव दर्ज किया। दूसरी तिमाही में भी हमने एसएमई उधारी से ऋण में मांग दर्ज की।
एनबीएफसी के लिए नए परिसंपत्ति वर्गीकरण पर आरबीआई दिशा-निर्देशों पर आपका क्या नजरिया है?
हमने हमेशा से ‘एक बार की एनपीए को हमेशा के लिए एनपीए’ नियम पर जोर दिया है, एससीयूएफ और एफटीएफसी के बारे में आरबीआई दिशा-निर्देशों से पहले भी। आज अंतर सिर्फ दैनिक स्टाम्पिंग का है, जिससे हमारे एनपीए में करीब 0.69 प्रतिशत (तीसरी तिमाही में हमारे लिए पुराने और नए वर्गीकरण के बीच अंतर) का इजाफा हुआ है।